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श्री कमलदह जी दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र
(अंतर्गत-बिहार स्टेट दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र कमिटी)
महामुनि सुदर्शन स्वामी की निर्वाण भूमि, सुप्रसिद्ध जैनाचार्य अंतिम श्रुत केवली भद्रबाहु की कर्मभूमि, "तत्वार्थ सुत्र" के रचयिता आचार्य उमास्वामी की जन्मभूमि तथा जैन सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य की राजधानी पाटलिपुत्र (वर्तमान बिहार प्रदेश की राजधानी पटना) स्थित श्री कमलदह जी एक सुविख्यात प्राचीन जैन सिद्ध क्षेत्र है।
महामुनि सुदर्शन स्वामी की मोक्ष स्थली पर (रेलवे लाईन के दक्षिण) कमल सरोवरों के मध्य अति प्राचीन मंदिर हैं। जहाँ उनके प्राचीन चरण विराजमान हैं। सिद्ध क्षेत्र पर आने वाले यात्रियों की सुविधार्थ कार्यालय मंदिर तथा अत्याधुनिक धर्मशाला गुलजारबाग स्टेशन के नजदीक सुदर्शन पथ पर स्थित हैं। मूलनायक भगवान नेमिनाथ स्वामी की काले पाषण की अत्यंत मनोज्ञ एवं अतिशयकारी प्रतिमा विराजमान हैं। साथ में बगल की वेदी पर महामुनि सुदर्शन स्वामी की अष्ट धातु की प्राचीन प्रतिमा एवं चरण विराजमान हैं। कार्यालय मंदिर तथा मोक्ष स्थली का दर्शनकर श्रावक अपने आप को धन्य मानते है।
आप बहुत सौभाग्यशाली हैं कि आप आज एक ऐसे पवित्र स्थल का दर्शन कर रहें हैं, जहाँ से जैन धर्म के महान साधक महामुनि सुदर्शन स्वामी को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी।
इस सिद्ध क्षेत्र के विकास में अपनी चंचला लक्ष्मी का अवश्य सदुपयोग कर अनंत पुण्य के भागी बने।
fmd_good Sudarshan Path, गुलज़ारबाग रेलवे स्टेशन के पास, Gulzarbagh, Patna, Bihar, 800007
account_balance अनिर्णित Temple