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Moksh Kalyanak Pawapuri

Present Government Nayak Devadhidev Bhagwan Mahavir 2548th Nirvana Mahotsav Shri Pavapuri Ji Digambar Jain Siddha Kshetra Sanand concluded. It is to be known that from 23 October to 25 October 2022, this program was celebrated by Jains with full pomp. Pavapuri ji came to Siddhakshetra where the fruit of salvation was offered at his feet by visiting the Jal Mandir, the place of his nirvana. In this program Pavapuri ji Jalmandir ji asks with great pomp with grand rath yatra, procession, musical instruments and grand maha aarti of 54 lamps. Where the idol of Lord Mahavir Swami is consecrated and Shantidhara is done. After this, Nirvana Ladoo is offered in the water temple. Raha Abhishek and Shantidhara do Jainism. After this, after offering Nirvana Ladoo, the chariot proceeds towards Shri Digambar Jain Kothi Pavapuri ji, reaching there the Rath Yatra ends. Where all the people want to bring Nirvana on the statue of Moolnayak Lord Mahavir Swami and wish for their salvation & nbsp; Giving information to Prabhu Mahavir, the media in-charge of there Ravi Kumar Jain told that  In the program, from all over India  All people come to visit. and show their participation in this program with devotion. "Pawapuri Festival" by Bihar government since last 2017 It is organized at the national level. In which the famous personalities of Jainism, international artists and local school children are invited by the Bihar government to the program organized in Pawapuri Festival and presents the symbol.


2 years ago

By : Shree Pawapuri Ji Digamber Jain Siddha Kshetra

Moksh Kalyanak Pawapuri

वर्त्तमान शासन नायक देवाधिदेव भगवान महावीर 2548वां निर्वाण महोत्सव श्री पावापुरी जी दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र पर सानंद संपन्न हुआ । विदित हो कि यह कार्यक्रम 23 अक्टूबर से लेकर 25 अक्टूबर 2022 तक पूरे धूमधाम के साथ जैन धर्मावलंबियों ने मनाया । आयोजित इस कार्यक्रम में देश विदेश से हजारों जैन अनुयायी भगवान महावीर स्वामी के चरणों में मोक्षफल (निर्वाण लाड़ू) चढ़ाने हेतु पावापुरी जी सिद्धक्षेत्र पर पधारे जहां उनकी निर्वाण स्थली जल मंदिर जाकर उनके चरणों में मोक्ष फल समर्पित किया गया । यह कार्यक्रम पावापुरी जी में पूरे धूमधाम के साथ भव्य रथयात्रा, जुलूस, गाजे-बाजे तथा 54 दीपों की भव्य महाआरती के साथ जलमंदिर जी पूछते हैं। जहां भगवान महावीर स्वामी की जिनप्रतिमा का अभिषेक एवं शांतिधारा किया जाता है। इसके पश्चात निर्वाण लाडू जल मंदिर में चढ़ाया जाता है निर्वाण लाडू के चढ़ाने के पश्चात सभी लोग श्रीजी को पुनः रथ पर विराजमान करके भगवान महावीर स्वामी की अंतिम समोशरण स्थली (पाण्डुकशीला) पावापुरी जी पहुंचते हैं जहां प्रभु को पांडुकशिला पर विराजमान कर रहा अभिषेक एवं शांतिधारा जैन धर्मावलंबी करते हैं । इसके पश्चात निर्वाण लाडू चढ़ाने के बाद रथ श्री दिगंबर जैन कोठी पावापुरी जी की ओर रवाना होती है वहाँ पहुँचकर रथयात्रा संपन्न होती है। जहां सभी लोग मूलनायक भगवान महावीर स्वामी की प्रतिमा पर निर्वाण लाडू चाहते हैं तथा अपने मोक्ष की कामना प्रभु महावीर से करते हैं जानकारी देते हुए वहां के मीडिया प्रभारी रवि कुमार जैन ने बताया कि कार्यक्रम मैं पूरे भारतवर्ष से सभी लोग दर्शन को आते हैं तथा भक्तिभाव के साथ इस कार्यक्रम में अपनी सहभागिता दिखाते हैं । पिछले 2017 से बिहार सरकार द्वारा "पावापुरी महोत्सव" का आयोजन राष्ट्रीय स्तर पर किया जाता है । जिसमें जैन धर्म के नामचीन हस्ती, अन्तराष्ट्रीय कलाकारों तथा स्थानीय स्कूल के बच्चों को बिहार सरकार पावापुरी महोत्सव में आयोजित कार्यक्रम में आमंत्रित करती है तथा प्रतीक चिन्ह भेंट करती है।


2 years ago

By : Shree Pawapuri Ji Digamber Jain Siddha Kshetra