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मूलनायक श्री श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान, पद्मासन मुद्रा पर श्वेत वर्ण। मूलनायक के दोनों ओर श्री पार्श्वनाथ भगवान की श्वेत रंग की मूर्तियाँ हैं।
सुंदर वास्तुकला और नक्काशी वाला अच्छा जैन श्वेतांबर मंदिर। स्थान सुविधाजनक है, परिसर में पर्याप्त पार्किंग स्थान है। धर्मशाला मंदिर परिसर के भीतर है। शांत एवं शांतिपूर्ण सुव्यवस्थित मंदिर।
कैसे पंहुचें:
प्रतापगढ़, प्रतापगढ़ जिले का एक शहर और जिला मुख्यालय है। अपनी थेवा कला के लिए प्रसिद्ध यह शहर आदिवासी गांवों से घिरा हुआ है। यह अपने खाने योग्य जिरालुन और हींग के लिए प्रसिद्ध है। प्रतापगढ़ सड़कों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
ट्रेन: चित्तौड़गढ़ रेलवे स्टेशन (35 किमी)
वायु मार्ग: उदयपुर हवाई अड्डा
Mulnayak Shri Shri Shankeshwar Parshwanath Bhagwan, white color on padmasana posture. On the both side of mulnayak the white colored idols of Shri Parshwanath Bhagwan.
Nice Jain Shwetamber temple with beautiful architecture and carvings. Location is convenient, ample parking space in compound. Dharmshala is within the mandir compound. Calm and peaceful well maintained temple.
How to reach :
Pratapgarh, is a town and district headquarters of Pratapgarh district. Famous for its Thewa art, the city is surrounded by tribal villages. It is famous for its edible jiralun and hing. Pratapgarh is well connected with roads.
Train: Chittorgarh Railway Station (35 Km)
Air: Udaipur Airport
fmd_good Near P.G.College, Pratapgarh, Rajasthan, 312605
account_balance Shwetamber Temple