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राजस्थान की राजधानी जयपुर के चाकसू तहसील में एक गांव है निमोडिया। जयपुर—कोटा नेशनल हाइवे पर स्थित इस गांव से पांच किमी दूरी पर बापू गांव स्थित है। यहां का जैन तीर्थ स्थल धीरे—धीरे अपनी पहचान बना रहा है।

हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पर दर्शन के लिए आते है। दरअसल, इस तीर्थ स्थल को प्रसिद्ध जैन तीर्थ स्थल गिरनार का प्रतिरूप कहा जाता है। यहां म​न्दिर जी को पहाड़ का रूप दिया हुआ है। जहां श्री अनिरूद कुमार भगवान, राजुूल जी और श्री धरसेन आचार्य की गुफा बनी हुई है। शिखर पर भगवान श्री 1008 नेमीनाथ जी की बडी प्रतिमा विरजमान है। गुफाओं को पार करते हुए पहाड़ पर चढ़ना दर्शनार्थियों को बहुत आनंदित करता है ।

खास बात यह है कि वर्तमान में बापू गांव में एक भी जैन परिवार निवास नहीं करता है। पूर्व में स्व. श्री कल्याण मल जी बाकलीवाल निवास करते थे, जिनके कोई संतान नहीं थी। स्व. श्री कल्याण मल जी बाकलीवाल द्वारा अपनी सारी भूमि और सम्पत्ति मन्दिर के लिए दान कर दी, जिसके बाद भगवान श्री 1008 नेमीनाथ की प्रतिमा को विराजमान कर एक छोटा सा पक्का मन्दिर बनाया गया। प्रतिमा को निमोडिया ले जाने का प्रयास किया गया, परन्तु इसमें उनको सफलता नहीं नहीं मिली।

वर्ष 2005 मुनि श्री 108 उर्जयन्त सागार जी महाराज एवं मुनि 108 इन्द्रनन्दी जी महाराज के संघों के सान्निध्य में वेदी प्रतिष्ठा महोत्सव सम्पन्न किया गया। 18 नवम्बर 2015 को छोटा गिरनार जी का भव्य शिलान्यास समारोह मुनि श्री प्रज्ञा सागार जी महाराज के सान्निध्य में हुआ। 2 से 7 नवम्बर 2016 को पंच कल्याणक प्रतिष्ठा हुई। मन्दिर जी का इतिहास शिलापट्ट पर भी लिखा हुआ है। क्षेत्र पर आवास व भोजनालय की व्यवस्था है।

राजस्थान की राजधानी जयपुर के चाकसू तहसील में एक गांव है निमोडिया। जयपुर—कोटा नेशनल हाइवे पर स्थित इस गांव से पांच किमी दूरी पर बापू गांव स्थित है। यहां का जैन तीर्थ स्थल धीरे—धीरे अपनी पहचान बना रहा है।

हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पर दर्शन के लिए आते है। दरअसल, इस तीर्थ स्थल को प्रसिद्ध जैन तीर्थ स्थल गिरनार का प्रतिरूप कहा जाता है। यहां म​न्दिर जी को पहाड़ का रूप दिया हुआ है। जहां श्री अनिरूद कुमार भगवान, राजुूल जी और श्री धरसेन आचार्य की गुफा बनी हुई है। शिखर पर भगवान श्री 1008 नेमीनाथ जी की बडी प्रतिमा विरजमान है। गुफाओं को पार करते हुए पहाड़ पर चढ़ना दर्शनार्थियों को बहुत आनंदित करता है ।

खास बात यह है कि वर्तमान में बापू गांव में एक भी जैन परिवार निवास नहीं करता है। पूर्व में स्व. श्री कल्याण मल जी बाकलीवाल निवास करते थे, जिनके कोई संतान नहीं थी। स्व. श्री कल्याण मल जी बाकलीवाल द्वारा अपनी सारी भूमि और सम्पत्ति मन्दिर के लिए दान कर दी, जिसके बाद भगवान श्री 1008 नेमीनाथ की प्रतिमा को विराजमान कर एक छोटा सा पक्का मन्दिर बनाया गया। प्रतिमा को निमोडिया ले जाने का प्रयास किया गया, परन्तु इसमें उनको सफलता नहीं नहीं मिली।

वर्ष 2005 मुनि श्री 108 उर्जयन्त सागार जी महाराज एवं मुनि 108 इन्द्रनन्दी जी महाराज के संघों के सान्निध्य में वेदी प्रतिष्ठा महोत्सव सम्पन्न किया गया। 18 नवम्बर 2015 को छोटा गिरनार जी का भव्य शिलान्यास समारोह मुनि श्री प्रज्ञा सागार जी महाराज के सान्निध्य में हुआ। 2 से 7 नवम्बर 2016 को पंच कल्याणक प्रतिष्ठा हुई। मन्दिर जी का इतिहास शिलापट्ट पर भी लिखा हुआ है। क्षेत्र पर आवास व भोजनालय की व्यवस्था है।


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