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Shree Mithilapuri Ji Digamber Jain Teerth Kshetra
एक और इतिहास का साक्षी बना मिथिलापुरी तीर्थ
एक और इतिहास का साक्षी बना मिथिलापुरी तीर्थ
33 फुट ऊँची तीन विशाल खडगासन प्रतिमाए होगी स्थापित...
मिथिलापुरी (सीतामढ़ी/बिहार) :- नेपाल बॉर्डर के समीप बिहार की पौराणिक एवं आध्यामिक नगरी श्री मिथिलापुरी जी दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र जहाँ जैन धर्म के 19वें तीर्थंकर भगवान मल्लिनाथ स्वामी एवं 21वें तीर्थंकर भगवान नमिनाथ स्वामी के चार-चार कल्याणक (गर्भ, जन्म, तप एवं केवलज्ञान) से सुशोभित पावन भूमि है। जिसकी स्थापना पिछले वर्ष 2022 में आचार्य श्री प्रमुख सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में हुई थी। तब से यात्रियों के आने का सिलसिला लगातार बना हुआ है।
*झंडोतोलन, भूमि पूजन एवं वेदी स्थल शुद्धिकरण कर निर्माण का कार्य हुआ प्रारंभ...*
दिनांक- 04/09/2023 दिन सोमवार को भाद्र कृष्ण पक्ष पंचमी के पावन अवसर पर आध्यात्म योगी चर्याशिरोमणि आचार्य श्री 108 विशुद्ध सागर जी महाराज के आशिर्वाद को लेकर बड़ौत से उनके संघ के ब्रह्मचारी भोला भैया जी के निर्देशन में प्रातः मंत्रोच्चारण के साथ अभिषेक, पूजन का कार्यक्रम भक्तिभाव के साथ किया गया।
विदित हो कि श्री मिथिलापुरी जी दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र, सुरसंड (सीतामढ़ी) बिहार में भगवान आदिनाथ स्वामी, भगवान मल्लिनाथ स्वामी एवं भगवान नमिनाथ स्वामी की राजस्थान से ग्रेनाइट पत्थर से निर्मित 33 फुट ऊँची भव्य एवं विशाल जिनप्रतिमा स्थापित की जायेगी। प्रतिमा स्थापना के पूर्व वेदी निर्माण के लिए शुभ मुहूर्त में झंडोतोलन कर भूमि पूजन करके वेदी स्थल के शुद्धिकरण के कार्यक्रम को सम्पन्न करने में अनेकों आचार्य, मुनि महाराजों एवं आर्यिका माता जी का आशीर्वाद प्राप्त हुआ।
इस धार्मिक अनुष्ठान कार्यक्रम में बिहार स्टेट दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र कमिटी के उपाध्यक्ष श्री अजय कुमार जी जैन (आरा/पटना), बिहार हिन्दू धार्मिक बोर्ड के अध्यक्ष श्री अखिलेश जी जैन, कमिटी के मानद मंत्री श्री पराग जैन (आरा/पटना), श्री सजल जी काला (दुर्ग), श्री राकेश जी छाबड़ा (दुर्ग) छतीसगढ़, मुजफ्फरपुर जैन समाज, जगदीश जैन (कुण्डलपुर), सोनू जैन (कमलदह/ पटना), मनीष जैन (राजगीर), पंकज जैन (मिथिलापुरी) सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित हुए।
*आचार्य श्री 108 विशुद्ध सागर जी महाराज के ससंघ सानिध्य में सन 2024 में संभावित है भव्य पंचकल्याणक*
श्री मिथिलापुरी जी तीर्थ क्षेत्र में भव्य वेदी निर्माण के पश्चात जनवरी 2024 में भव्य एवं विशाल जिन प्रतिमाएं क्षेत्र पर आ जाएगी। तत्पश्चात पंचकल्याणक महोत्सव आचार्य श्री 108 विशुद्ध सागर जी महाराज ससंघ सानिध्य में सम्पन्न होगा ।
- रवि कुमार जैन, पुस्तकालयाध्यक्ष
आचार्य श्री महावीर कीर्ति सरस्वती भवन,
राजगीर (नालन्दा) बिहार
सम्पर्क सूत्र - 9386461769
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मिथिलापुरी में 33 फूट की तीन प्रतिमाएं होगी विराजि...
04 सितंबर 2023
कार्यक्रम:- भूमि शुद्धि एवं वेदी शिलान्यास
स्थान:- श्री मिथिलापुरी दिगंबर जैन तीर्थ क्षेत्र, जनकपुर रोड, सीतामढी, बिहार
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मिथिलापुरी तीर्थ में 20 आधुनिक कमरों का निर्माण का...
श्री मिथिलापुरी जी दिगंबर जैन तीर्थ क्षेत्र - भगवान मल्लिनाथ तथा भगवान नमिनाथ स्वामी का 4-4 कल्याणक क्षेत्र है।
इस पावन भूमि पर नया तीर्थ तैयार हो रहा है। इस पुनर्स्थापित आखरी तीर्थ के निर्माण में आप सभी का सहयोग अपेक्षित है ।
अगले वर्ष आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के संघ के सानिध्य में क्षेत्र पर भगवान आदिनाथ स्वामी, भगवान मल्लिनाथ स्वामी एवं भगवान नमिनाथ स्वामी की 31-31 फीट ऊंची विशाल प्रतिमाओं का पंचकल्याणक महामहोत्सव आयोजित होने की संभावना है ।
पंचकल्याणक के पूर्व, पहले चरण में, क्षेत्र पर लगभग 20 कमरें, 2 हॉल, बाउंड्रीवॉल तथा जमीन पर इंटरलॉक टाइल लगाकर रास्ता बनाने की योजना प्रस्तावित है। वर्तमान में पांच कमरों के निर्माण का कार्य चल रहा है।
आप सभी से अनुरोध है की इस परम पवित्र एवं पावन 8 कल्याणक तीर्थ पर हो रहे निर्माण कार्य में अपना तन मन धन से सहयोग कर अतिशय पुण्य के भागी बन बने।
तीर्थ निर्माण के कार्य में सहयोग देने के लिए संपर्क करें.......
सोनू जैन.. 7667970973
पंकज जैन..8540074584
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मिथिलापुरी जी तीर्थ
सप्रेम सादर जय जिनेंद्र....
दिनांक- 14/05/2023 दिन रविवार को श्री मिथिलापुरी जी तीर्थ क्षेत्र पर पांच कमरे अटैच एवं सिढी का ढलाई का कार्य होने वाला है। आपसे निवेदन है आप अपना सहयोग तीर्थ निर्माण में कर पुण्य के भागी बनें।
मिथिलापुरी तीर्थ कार्यालय संपर्क सूत्र :-
8540074584 (सोनू जैन)
9155046125 (पंकज जैन)
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मिथिलापुरी तीर्थ एक परिचय
श्री मिथिलापुरी जी तीर्थ की स्थापना के "प्रथम वर्ष"
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परम पूज्य आचार्यों, मुनिराजों, आर्यिका माताओं एवं साधु-संतों के मंगल आशीर्वाद से एवं पूज्य दादाजी स्व. श्री सुबोध कुमार जी जैन तथा पूज्य पिताजी श्री अजय कुमार जी जैन,आरा की प्रेरणा से, बिहार स्टेट दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र कमेटी के सभी पदाधिकारियों एवं सभी भव्य आत्माओं के सहयोग से पिछले वर्ष दिनांक - 9 मई 2022 को जैन धर्म के 19वें तीर्थंकर भगवान मल्लिनाथ स्वामी और 21वें तीर्थंकर भगवान नमिनाथ स्वामी के 4-4 कल्याणकों (गर्भ, जन्म, तप और केवलज्ञान) अर्थात 8 कल्याणकों से सुशोभित श्री मिथिलापुरी जी तीर्थ की विधिवत् पुनर्स्थापना हो गई।
प.पू.आचार्य श्री प्रमुख सागर जी महाराज ससंघ के मंगल सानिध्य में श्री मिथिलापुरी जी तीर्थ पर चतुर्थकालीन प्रतीत, अति मनमोहक भगवान आदिनाथ स्वामी, भगवान मल्लिनाथ स्वामी और भगवान नमिनाथ स्वामी की प्रतिमा स्थापित करने हेतु वेदी प्रतिष्ठा एवं प्रथम जिनबिम्ब स्थापना एवं लघु पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया ।
जैन धर्म में 24 तीर्थंकरों के पांच-पांच कल्याणक क्षेत्रों को मिलाकर 120 कल्याणक होते हैं । जिसमें से 112 कल्याणक क्षेत्रों पर तीर्थ स्थापित हो चुके थे। आठ कल्याणक क्षेत्र श्री मिथिलापुरी जी अभी तक बचा हुआ था, जिसकी स्थापना का संपूर्ण जैन समाज को दशकों नहीं शताब्दियों से इंतजार था, वह भी श्री मिथिलापुरी जी तीर्थ की स्थापना के साथ पूर्ण हो गया है । यह हम सभी जैन धर्मावलंबियों के लिए बहुत ही गौरव का क्षण था।
बात उन दिनों की है जब हमलोग आरा में रहते थे और मैं आरा जैन स्कूल में पढ़ता था। दादाजी अक्सर इस तीर्थ को स्थापित करने के लिए काठमांडू, नेपाल के श्वेतांबर समाज के नेता श्री हुलास चंद जी गोल्छा को जनकपुर, नेपाल में जमीन दिलवाने के संबंध में पत्र लिखवाते थें और एक साथ दिगंबर और श्वेतांबर मंदिर स्थापित कर श्री मिथिलापुरी जी तीर्थ की स्थापना कराना चाहते थे। उन दिनों दादाजी श्री बिहार स्टेट दिगंबर जैन तीर्थ क्षेत्र कमेटी के "मानद मंत्री" हुआ करते थे । फिर पिताजी श्री अजय कुमार जी जैन को बिहार के सभी तीर्थों को संभालने की जिम्मेदारी आई। इन्होंने भी अथक प्रयास किया कि किसी तरह जनकपुर, नेपाल में हम जैनियों को जमीन मिल जाए । दिल्ली में तथा काठमांडू में दोनों ही जगह विदेश मंत्रालय तथा राजदूतों के बीच में जैन समाज की कई बैठकें की गई। परंतु नेपाल में राजनीतिक उठा पटक के कारण सफलता नहीं मिल पाई।
वर्ष 2016 में मुझे बिहार स्टेट दिगंबर जैन तीर्थ क्षेत्र कमेटी का मानद मंत्री सर्वसम्मति से बनाया गया। इतनी बड़ी जिम्मेदारी की परिकल्पना मैंने कभी नहीं की थी । बिहार में स्थित 12 तीर्थों और उसमें भी लगभग 50 मंदिरों की व्यवस्था संभालना, मुझे लगा शायद मैं इस कार्य को कैसे संभाल पाऊंगा। परंतु धीरे धीरे सभी तीर्थ व्यवस्थित होते चले गए और सभी तीर्थों पर विकास के भी खूब कार्य किए गए । मुझे बहुत आनंद आने लगा और इसी बहाने तीर्थों की यात्रा करने का खूब अवसर मिला । मेरा समय परिवार के साथ साथ तीर्थों की सेवा में भी लगने लगा । इसी बीच हमारी धर्मपत्नी मंजरी जैन का स्वर्गवास हो गया। मुझे लगा कि अब मेरी दुनिया खत्म हो गई । परंतु शायद तीर्थों की सेवा करते रहने से मेरा दुख बहुत कम हो गया।
पूज्य दादा जी एवं पिताजी के सपनों को पूरा करने के लिए मैंने भी नेपाल में जमीन लेने का प्रयास शुरू कर दिया । परंतु, आने जाने के क्रम में मुझे ऐसी जानकारी मिली कि नेपाल में जमीन केवल नेपाली नागरिकता वाले लोगों को ही मिलेगी ।
उसके बाद नेपाल बॉर्डर के आसपास जमीन लेने का प्रयास शुरू हो गया । सफलता 2019 में मिल गई, लगभग 60000 स्क्वायर फीट की जमीन सीतामढ़ी से 30 किलोमीटर आगे नेपाल स्थित मल्लीबाड़ा गांव के पास (जनकपुरधाम, नेपाल से 12 किलोमीटर पहले) सुरसंड-जनकपुर रोड पर खरीदी गई और तीर्थ स्थापना का प्रयास शुरू हो गया । जमीन मिलते ही प.पू़. गणिनी आर्यिका ज्ञानमती माताजी की आशीर्वाद से स्वस्तिश्री रविन्द्रकीर्ति स्वामी जी ने दोनों तीर्थंकरों के चरण चिन्ह क्षेत्र पर विराजमान कराने हेतु भेज दिया और तीर्थ स्थापित हो गया।
परम पूज्य माता जी के आशीर्वाद से क्षेत्र पर स्थापित होने के लिए तीन तीर्थंकरों की कमल सहित सवा 11 फीट की प्रतिमा आने वाली है । परंतु, इसमें थोड़ा विलंब होगा, यह जानकर यह तीनों तीर्थंकरों की छोटी प्रतिमा तीर्थ पर विराजमान करने का निर्णय लिया गया।
वेदी प्रतिष्ठा और प्रथम जिनबिंब की स्थापना तीर्थ पर करने हेतु प. पू. आचार्य श्री प्रमुख सागर जी महाराज ने अपना आशीर्वाद प्रदान किया और वे मेरे आग्रह करने पर तुरन्त चंद्रावती, बनारस से काकन्दी होते हुए श्री मिथिलापुरी जी की तरफ इस कड़ी गर्मी में भी विहार कर गए ।
नेपाल की तरफ उत्तर बिहार में मुजफ्फरपुर के बाद सीतामढ़ी जिले में किसी भी दिगंबर मुनि का बिहार आज तक नहीं हुआ था। अतः कोई अप्रिय घटना ना हो इसलिए उस जिले के जिलाधिकारी एवं मुख्य आरक्षी अधीक्षक से मुलाकात करके आचार्य श्री ससंघ को जिला का मुख्य अतिथि घोषित करवा कर दो गाड़ी पुलिस बल का इंतजाम करवाया गया। आचार्य श्री नेपाल भी जा सके इसके लिए नेपाल पुलिस से भी सहयोग स्थापित किया गया।
दिनांक- 9 मई 2022 को श्री मिथिलापुरी जी तीर्थ पर आचार्य श्री का ससंघ भव्य मंगल प्रवेश हुआ और उनके सानिध्य में नवनिर्मित नवीन वेदी पर तीनों तीर्थंकरों की प्रतिमाओं को विधिवत स्थापित किया गया। आचार्य श्री ने अन्य दो प्रतिमाओं का लघु पंचकल्याणक भी कराया । अनेक भव्य आत्माओं के बीच यह कार्यक्रम बहुत उत्साह पूर्वक और आनंदमयी धार्मिक वातावरण में सानंद संपन्न हुआ।
संपूर्ण जैन समाज में एक खुशी की लहर छा गई और पिछले 01 वर्ष में हजारों की संख्या में यात्री श्री मिथिलापुरी जी में आकर, तीर्थ की वंदना कर, भगवान के दर्शन- पूजन कर अपने आप को पुण्यशाली मान रहे हैं और तीर्थ विकास में अपना बहुत सहयोग कर रहे हैं।
प. प. चर्या शिरोमणि आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज ने अभी हाल ही में संपन्न हुए दुर्ग तथा चौरई पंचकल्याणक महोत्सव में श्री मिथिलापुरी जी तीर्थ पर तीनों तीर्थंकर भगवान की 33 -33 फुट ऊंची खडगासन प्रतिमा को अपने सानिध्य में विराजमान कराकर भव्य पंचकल्याणक कराने का आशीर्वाद दिया है।
मिथिलापुरी जी तीर्थ पर विकास का कार्य द्रुतगति से करवाया जा रहा है। वर्तमान में लगभग 10 कमरे की धर्मशाला बनकर तैयार हो रही है और क्षेत्र पर बाउंड्रीवॉल के निर्माण का कार्य भी चल रहा है। हमारा जैन समाज के सभी साधर्मी भाईयों से निवेदन है कि इस अद्भुत एवं ऐतिहासिक आठ कल्याणक भूमि का अवश्य दर्शन करें और इस बहुत प्रतिक्षित पुनर्स्थापित श्री मिथिलापुरी जी तीर्थ के विकास में अपना तन, मन, धन से सहयोग कर अत्यंत पुण्य के भागी बने।
श्री मिथिलापुरी जी तीर्थ क्षेत्र से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए संपर्क करें...
सोनू जैन- 7667970973
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पराग जैन "मानद मंत्री"
बिहार स्टेट दिगंबर जैन तीर्थ क्षेत्र कमेटी
9 मई 2023
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श्री मिथिलापुरी जी तीर्थ
आज दिनांक - 11/05/2023 श्री मिथिलापुरी दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र, जनकपुर रोड, सीतामढ़ी, बिहार में राजेश जी जैन इंदौर निवासी समस्त परिवार के द्वारा विधान पूजन का कार्यक्रम आयोजित की गई।
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प्रथम वार्षिक उत्सव मिथिलापुरी तीर्थ
"मिथिलाधाम तीर्थ" की स्थापना के प्रथम वार्षिक उत्सव धूमधाम से होगी आयोजित...
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मिथिलापुरी (सीतामढ़ी/बिहार) :- 19वें तीर्थंकर भगवान मल्लिनाथ स्वामी एवं 21वें तीर्थंकर *भगवान नमिनाथ स्वामी* की चार - चार कल्याणक (गर्भ, जन्म, तप एवं केवलज्ञान) से सुशोभित पावन तीर्थ है। नेपाल बॉर्डर के समीप स्थापित "श्री मिथिलापुरी जी दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र, सुरसंड, सीतामढ़ी (बिहार) जिसकी पुनर्स्थापना गतवर्ष 09 मई 2022 को गणाचार्य श्री 108 पुष्पदंत सागर जी महामुनिराज के परम प्रभावक शिष्य आचार्य श्री 108 प्रमुख सागर जी महाराज ससंघ के मंगल सानिध्य एवं बिहार स्टेट दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र कमिटी के तत्वाधान में भव्य पंचकल्याणक महोत्सव के साथ ही साथ मिथिलाधाम तीर्थ की पुनर्स्थापना का भव्य आयोजन धूमधाम के साथ सम्पन्न कराया गया था।
"मिथिलाधाम तीर्थ" की स्थापना के एक वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य पर "श्री मिथिलापुरी जी तीर्थ क्षेत्र" पर प्रथम वार्षिकोत्सव दिनांक - 09/05/2023 (मंगलवार) ज्येष्ठ कृष्ण चतुर्थी पर आयोजित होने जा रहा है। प्रथम वार्षिकोत्सव एवं भव्य तीर्थ निर्माण में यथाशक्ति सहयोग कर आपसभी अवश्य पुण्यार्जन कर सकते है। इस तीर्थ पर भगवान आदिनाथ स्वामी, भगवान मल्लिनाथ स्वामी एवं भगवान नमिनाथ स्वामी की 2 फुट अवगाहना की अतिशयकारी प्रतिमा विराजित है तथा गणिनी प्रमुख आर्यिका श्री 105 ज्ञानमती माता जी के मंगल आशीर्वाद से दोनों तीर्थंकर के चरण यहाँ स्थापित करायी गयी है।
आगामी वर्ष 2024 में गणाचार्य श्री 108 विराग सागर जी महामुनिराज के परम प्रभावक शिष्य आचार्य श्री 108 विशुद्ध सागर जी महाराज ससंघ सानिध्य में श्री मिथिलापुरी जी तीर्थ क्षेत्र पर भव्य पंचकल्याणक महोत्सव आयोजित होने जा रही है इस पंचकल्याणक महोत्सव पर तीर्थ पर भगवान आदिनाथ स्वामी, भगवान मल्लिनाथ स्वामी तथा भगवान नमिनाथ स्वामी 33 फुट ऊँची विशाल जिनप्रतिमा विराजित की जायेगी।
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कार्यक्रम की विशेष जानकारी के लिए श्री मिथिलापुरी जी तीर्थ कार्यालय में संपर्क करें।
8540074584, 9155046125
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भगवान मल्लीनाथ स्वामी गर्भ कल्याणक, मिथिलापुरी
नेपाल बॉर्डर स्थित 19वें तीर्थंकर भगवान मल्लिनाथ स्वामी के गर्भ, जन्म, तप एवं केवलज्ञान कल्याणक स्थली "श्री मिथिलापरी जी दिगंबर जैन तीर्थ क्षेत्र" मिथिलापुरी (सुरसंड) बिहार" में दिनांक- 22 मार्च 2023 को प्रभु के गर्भ कल्याणक के पावन अवसर पर अभिषेक, पूजन एवं शांतिधारा के पुण्यार्जक बनकर धर्मलाभ का अवसर प्राप्त करें। विशेष जानकारी के लिए तीर्थ के दिये गए नम्बर पर सम्पर्क कर सकते है।
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भगवान मल्लीनाथ स्वामी मोक्ष कल्याणक, मिथिलापुरी
19वें तीर्थंकर भगवान मल्लिनाथ स्वामी एवं 20वें तीर्थंकर भगवान नमिनाथ स्वामी के चार - चार कल्याणक (गर्भ, जन्म, तप एवं केवलज्ञान) से अलंकृत पुनर्स्थापित पौराणिक मिथिलापुरी तीर्थ पर भगवान मल्लिनाथ के मोक्ष कल्याणक पर दिनांक- 24 फरवरी 2023 को अभिषेक, शांतिधारा एवं निर्वाण लाडू चढ़ाने का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में आपसभी अपनी ओर से शांतिधारा एवं निर्वाण लाडू चढ़ाकर पुण्यार्जन करें।
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मिथिलापुरी में लगेंगी 25 फीट ऊंचाई की 3 मूर्तियां
श्री मिथिलापुरी जी तीर्थ पर परम पूज्य चर्या शिरोमणि आचार्य श्री 108 विशुद्ध सागर जी महाराज ने 25 फुट की तीन भव्य प्रतिमाओं के लिए आशीर्वाद दिया है।
प्रतिमाओं का आर्डर जयपुर में दे दिया गया है । अगले वर्ष दीपावली के पश्चात आचार्य श्री के सानिध्य में भव्य पंचकल्याणक महोत्सव होने की स्वीकृति मिल गई है । अतः तीर्थ पर निर्माण कार्य जोर शोर से कराया जा रहा है...
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Gyan kalyanak mithilapuri
भगवान मल्लिनाथ स्वामी की ज्ञान कल्याणक स्थली पर प्रथम बार मनाया जा रहा है ज्ञान कल्याणक महोत्सव इस पावन कार्यक्रम में आप सभी सादर आमंत्रित है।
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Mithilapuri janm kalyank
प्रथम बार मिथिलापुरी में मनाया गया भगवान मल्लिनाथ स्वामी का जन्म कल्याणक महोत्सव....
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मिथिलापुरी (सीतामढ़ी/बिहार) :- श्री मिथिलापुरी जी तीर्थ क्षेत्र जहाँ 19वें तीर्थंकर भगवान मल्लिनाथ स्वामी तथा 21वें तीर्थंकर भगवान नमिनाथ स्वामी के चार - चार कल्याणक (गर्भ, जन्म, तप, केवलज्ञान) से सुशोभित पौराणिक तथा पुर्नस्थापित जैन तीर्थ है।
दिनांक - 03 दिसम्बर 2022 को मनाया गया तीन कल्याणक उत्सव...
यह प्रथम अवसर रहा जब तीर्थंकर की कल्याणक भूमि पर प्रथम बार तीन कल्याणक धूमधाम के साथ आयोजित की गई। बिहार स्टेट दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र कमिटी द्वारा कुछ वर्ष पूर्व ही नेपाल बॉर्डर के समीप जमीन खरीद कर भगवान मल्लिनाथ स्वामी एवं भगवान नमिनाथ स्वामी के चार- चार कल्याणक से सुशोभित तीर्थ की पुर्नरस्थापना 09 मई 2022 को आचार्य श्री 108 प्रमुख सागर जी महाराज के मंगल सानिध्य में सम्पन्न कराई थी।
03 दिसम्बर 22 को जन्मकल्याणक पर निकाली गई प्रभात फेरी...
21वें तीर्थंकर भगवान मल्लिनाथ स्वामी के जन्मकल्याणक के पावन अवसर पर प्रातः 06:00 सभी भक्तजनों द्वारा प्रभु के मनोहर प्रतिमा को सर पर विराजमान कर नगर भ्रमण करके मिथिलापुरी तीर्थ पर लाया गया। इसके पश्चात सभी जैन अनुयायी द्वारा तीर्थ पर स्थापित चरण का जलाभिषेक करते हुए अपने बुरे कर्मो का क्षय किया।
मुलवेदी पर एकसाथ तीनों प्रतिमा का किया गया पूजन तथा भव्य अभिषेक...
विदित हो कि 03 दिसम्बर को भगवान मल्लिनाथ स्वामी के जन्म एवं तप कल्याणक तथा भगवान नमिनाथ स्वामी के केवलज्ञान कल्याणक पर तीर्थयात्रियों के अलावे अन्य तीर्थ के अधिकारीगण पहुँचे तथा सभी लोगों ने पूरे भक्तिभाव के साथ कल्याणक पर्व भावपूर्वक मनाया। सर्वप्रथम सभी लोगों ने गाजेबाजे के साथ भगवान आदिनाथ, भगवान मल्लिनाथ तथा भगवान नमिनाथ स्वामी की प्रतिमा का जलाभिषेक किया तत्पश्चात शांतिधारा, पूजन की विधि का कार्यक्रम सम्पन्न करते हुए प्रभु के जयकारे लगाये।
21 दीपो से की गई महाआरती...
अभिषेक, शांतिधारा के पश्चात उपस्थित सभी लोगों ने 21 दीपो की भव्य महाआरती कर अपने जीवन को सफल किया।
तीर्थ विकास में सहयोग कर रहे सभी दातारो को दिया गया धन्यवाद...
बिहार स्टेट दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र कमिटी के मानद मंत्री श्री पराग जैन ने कहा कि जैन इतिहास का ये हमसभी लोगो के लिए गौरव का क्षण है । जहाँ 120 कल्याणक में 112 कल्याणक तीर्थ की स्थापना की जा चुकी थी। परन्तु 08 कल्याणक तीर्थ की स्थापना करना शेष रह गया था। दानवीरों एवं सभी के परस्पर सहयोग से आज 08 कल्याणक तीर्थ की स्थापना "श्री मिथिलाधाम तीर्थ" पर कर दी गयी है तथा तीर्थ विकास की ओर अपना कदम बढ़ा चुका है। हम सभी अवश्य भावना भाये की पुर्नरस्थापित तीर्थ की दर्शन अवश्य करें तथा अधिक से अधिक विशाल मंदिर एवं धर्मशाला निर्माण में सहयोग करें ताकि तीर्थ दर्शन को आने वाले दर्शनार्थी यहाँ रुककर दर्शन पूजन का आनन्द उठा सके।
रवि कुमार जैन - पटना
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जन्म कल्याण का मिथिलाधाम तीर्थ
श्री मिथिलापरी जी तीर्थ क्षेत्र में पर हो रहे भव्य कार्यक्रम में आप सभी महानुभाव सपरिवार सादर आमंत्रित हैं।
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मिथिलाधाम में पूजा - अर्चना
दिनांक - 10/07/2022 को प्रातः श्रीमान विमल कुमार जी पाटनी (बुराहनपुर), श्रीमान भाग्यचंद, विपुल गंगवाल (नवादा), श्री रतनलाल अनिल कुमार काला (गया) निवासी द्वारा सपरिवार ने भक्तिभाव पूर्वक "श्री मिथिलापुरी जी तीर्थ क्षेत्र, मिथिलाधाम (सीतामढ़ी) में पूजा - अर्चना की।
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मिथिलापुरी तीर्थ पर प्रथम बार मनाया गया भगवान नमिन...
तीर्थंकर नमिनाथ स्वामी की जन्मभूमि श्री मिथिलापुरी जी में प्रथम बार मनाया गया जन्म कल्याणक उत्सव...
मिथिलापुरी (सीतामढ़ी/बिहार) :- दिनांक- 23 जुलाई 2022 (गुरुवार) ये वह पावन दिन है जब जैन धर्म के इतिहास में प्रथम अवसर है जब शताब्दियों बाद इक्कीसवें तीर्थंकर भगवान नमिनाथ स्वामी की जन्म एवं तप कल्याणक उत्सव प्रथम बार उनकी कल्याणक भूमि "श्री मिथिलापुरी जी तीर्थ क्षेत्र, मल्लीवाड़ा, जनकपुरी रोड, नेपाल बॉर्डर, सीतामढ़ी (बिहार)“ में भक्तिभाव पूर्वक धूमधाम के साथ आयोजित हुआ। जहाँ भक्तों ने पूरे भक्तिभाव पूर्वक प्रभु की आराधना की। आयोजित कार्यक्रम में सर्वप्रथम प्रातः प्रभु का अभिषेक, पूजन हुआ। इसके पश्चात शांतिधारा का सौभाग्य पुण्यार्जक परिवार श्रीमान अजय कुमार जी जैन, धर्मपत्नी - श्रीमती विमलेश जी जैन सपरिवार, आरा/पटना को प्राप्त हुआ।
भगवान नमिनाथ स्वामी के जन्म एवं तप कल्याणक के पावन अवसर पर मन्दिर के बाहरी प्रांगण को तोरण आदि से खूबसूरत तरीके से सजाया गया था। श्री मिथिलापुरी तीर्थ के प्रबंधक सोनू जैन एवं उपप्रबंधक पंकज जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि श्री मिथिलापुरी तीर्थ की पुनर्स्थापना के बाद से ही तीर्थ यात्रियों का आवागमन तीर्थ पर बढ़ा है जिन्हें भी तीर्थ की जानकारी प्राप्त हो रही है वे दर्शन हेतु मिथिलाधाम पहुँच रहे है। मन्दिर एवं यात्रियों के ठहराव हेतु कमरें का निर्माण कार्य तीव्र गति से चल रहा है।
देश भर के सभी जैन धर्मावलंबियों से निवेदन है कि तीर्थ विकास हेतु अधिक से अधिक सहयोग करें ताकि निर्माण कार्य को गति मिल सके।
श्री मिथिलापुरी तीर्थ सम्पर्क सूत्र -
9155046125 (सोनू जैन)
8540074584 (पंकज जैन)
संकलनकर्ता - रवि कुमार जैन - राजगीर
Shree Mithilapuri Ji Digamber Jain Teerth Kshetra
जल्द बनकर तैयार होगा मिथिलाधाम तीर्थ...
मिथिलापुरी (सुरसंड/बिहार) :- भगवान मल्लिनाथ स्वामी एवं भगवान नमिनाथ स्वामी की चार - चार कल्याणकों (गर्भ, जन्म, तप एवं ज्ञान) से सुशोभित अति पावन तीर्थ की पुनर्स्थापना होना पूरे विश्व के जैन समुदाय के लिए सौभाग्य एवं गर्व की बात है। हम सभी शुक्रगुजार है बिहार स्टेट दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र कमिटी की जिन्होंने काफी वर्षों के अथक प्रयास और मेहनत से आचार्य श्री 108 प्रमुख सागर जी महाराज के मंगल सानिध्य एवं आशीर्वाद से मिथिलाधाम तीर्थ की पुनर्स्थापना करवाई। जहाँ आज भारतवर्ष के विभिन्न राज्यों से दर्शनार्थियों दर्शन करने को पहुँच रहे है। ऑल इण्डिया जैन एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री सुरेंद्र मोहन जी जैन, मालपुरा, टोंक (राजस्थान) निवासी एवं अजीत कुमार जी जैन (अधिवक्ता) पटना (बिहार) दिनांक - 02 जून 2022 को श्री मिथिलापुरी जी तीर्थ दर्शन को पहुँचे। जहाँ श्री सुरेन्द्र मोहन जी जैन सपरिवार के सौजन्य से एक कमरे का निर्माण श्री मिथिलाधाम तीर्थ पर कराया गया है। मिथिलापुरी जी तीर्थ के प्रबंधक पंकज जैन ने सभी आगन्तुकों को अंगवस्त्र एवं माला पहनाकर स्वागत किया। ततपश्चात कमरे के पुण्यार्जक परिवार ने कमरे का विधिवत उद्घाटन कर तीर्थ कमिटी के बहुत - बहुत धन्यवाद दिया।
ग्यारह फुट ऊँची तीन भव्य एवं विशाल जिनपद्मासन प्रतिमा जल्द होगी विराजमान
गणिनी आर्यिका श्री 105 ज्ञानमती माता जी की प्रेरणा एवं मंगल आशीर्वाद से श्री मिथिलापुरी जी तीर्थ पर शीघ्र ही ग्यारह फुट ऊँची भगवान ऋषभदेव स्वामी, भगवान मल्लिनाथ स्वामी, भगवान नमिनाथ स्वामी की भव्य एवं विशाल पद्मासन जिनप्रतिमा स्थापित की जायेगी। प्रतिमा विराजमान करने हेतु वेदी निर्माण का कार्य शीघ्र ही पूरा कर लिया जायेगा।
रवि कुमार जैन- राजगीर/बिहार
Shree Mithilapuri Ji Digamber Jain Teerth Kshetra
पूरा हुआ जैनियों का सपना
हो गयी मिथिलापुरी जी तीर्थ की स्थापना पूरा हुआ जैनियों का सपना...
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मिथिलापुरी, जनकपुर रोड (सुरसंड/सीतामढ़ी) :- सम्पूर्ण विश्व के जैन धर्मावलंबियों के लिए बहुत ही गौरव का क्षण है। जिसका इंतजार जैन समाज को दशकों नही शताब्दियों से था। वो पल था भगवान मल्लिनाथ स्वामी एवं भगवान नमिनाथ स्वामी के चार - चार कल्याणक (गर्भ, जन्म, तप एवं केवलज्ञान) अर्थात 8 कल्याणकों से सुशोभित 'श्री मिथिलापुरी जी तीर्थ' की पुनर्स्थापना होने की। वो क्षण आज हमसभी को दिनांक - 09/05/2022 (मंगलवार) को आचार्य श्री 108 पुष्पदंत सागर जी महाराज के शिष्य आचार्य श्री 108 प्रमुख सागर जी महाराज ससंघ सानिध्य में हुए वेदी प्रतिष्ठा एवं जिनबिम्ब स्थापना के उपरांत पूर्ण हुआ।
प्रातः 09/05/2022 को हुआ आचार्य श्री ससंघ का भव्य मंगल प्रवेश
मिथिलाधाम तीर्थ पर पहुँचने वाले प्रथम आचार्य श्री 108 प्रमुख सागर जी महाराज ससंघ का मेघराज द्वारा झमाझम वारिस के साथ हुआ भव्य मंगल प्रवेश हुआ। आचार्य गुरुवर ने तीर्थ पर प्रवेश के पूर्व मुख्यद्वार से ही तीर्थ को देखते हुए आह्लादित हो उठे। आचार्य श्री के साथ संघ में मुनि श्री 108 प्रभाकर सागर जी महाराज, क्षुल्लक श्री 108 प्रगुण सागर जी महाराज, क्षुल्लिका 105 परीक्षा श्री माता जी, क्षुल्लिका 105 प्रेक्षा श्री माता जी, क्षुल्लिका 105 प्रतिज्ञा श्री माता जी, क्षुल्लिका 105 प्रीति श्री माता जी, क्षुल्लिका 105 आराधना श्री माता जी की अगुआई में कमिटी के सभी विरिष्ट अधिकारीगण उपस्थित हुए जिन्होंने पद विहार कराते हुए आचार्य श्री ससंघ का मंगल प्रवेश 'मिथिलाधाम तीर्थ' में कराया। उपस्थित सभी लोगों ने आचार्य श्री का पाद प्रक्षालन किया इसके पश्चात तीर्थ पर स्थापित दोनों तीर्थकरों के चरण चिन्ह के आचार्य संघ द्वारा दर्शन, पूजन किया गया।
मिथिलाधाम तीर्थ पर हुआ आचार्य संघ की आहारचर्या...
आचार्य श्री संघ की आहारचर्या मिथिलाधाम तीर्थ पर बने नवनिर्मित भवन में की गई थी। जहाँ आचार्य श्री तथा संघ में चल रहे मुनि, क्षुल्लक, क्षुल्लिकाओ का आहारचर्या सम्पन्न कराई गई।
झंडोतोलन एवं देवआज्ञा लेकर हुआ प्रतिष्ठा महोत्सव का शुभारंभ...
सर्वप्रथम प्रतिष्ठा महोत्सव का झंडोतोलन के साथ किया गया। झंडोतोलन करने का सौभाग्य श्रीमान सुनील काला, धर्मपत्नी - श्रीमति चंदा काला, पटना निवासी को प्राप्त हुआ। जिन्होंने झंडोतोलन देवआज्ञा लेकर प्रतिष्ठा महोत्सव का भव्य शुभारंभ किया।
लघु पंचकल्याणक कर नवनिर्मित वेदी में स्थापित की गई सभी जिन प्रतिमाएं...
आचार्य श्री 108 प्रमुख सागर जी महाराज के सानिध्य में "श्री मिथिलापुरी जी दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र" पर नवनिर्मित वेदी में ढ़ाई फुट ऊँची भगवान आदिनाथ स्वामी, भगवान मल्लिनाथ स्वामी तथा भगवान नमिनाथ स्वामी के साथ ही साथ दो 7 इंच की पाषाण की प्रतिमा का भी लघु पंचकल्याणक कर स्थापित की गई।
आयोजन के दूसरे दिन 10/05/2022 (मंगलवार) को सिद्धचक्र विधानप का हुआ आयोजन...
श्री मिथिलापुरी जी तीर्थ क्षेत्र पर आयोजन के दूसरे दिन आचार्य श्री ससंघ सानिध्य में प्रातः सभी जिन प्रतिमाओं का अभिषेक, पूजन, एवं शांतिधारा कर सिद्धचक्र मंडल विधान का आयोजन किया किया गया। इस आयोजन को लेकर देशभर के सभी जैन धर्मावलंबियों में एक अलग उत्साह देखने को मिल रहा है। सभी फोन द्वारा "मिथिलाधाम तीर्थ" की विशेष जानकारी पाने को उत्सुक दिखे।
"मिथिलाधाम तीर्थ से पंचतीर्थ एवं शिखर जी के लिए हुए आचार्य श्री का मंगल विहार...
श्री मिथिलापुरी जी तीर्थ पर प्रतिष्ठा महोत्सव का सफल आयोजन के सम्पन्न होते ही आचार्य श्री ने सभी श्रावकों तथा कमिटी के सभी अधिकारियों को खूब - खूब मंगल आशीर्वाद दिया।
श्री पराग जी जैन ने किया देशभर के सभी जैन समाज से अपील...
बिहार स्टेट दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र के मानद मंत्री श्री पराग जी जैन ने कहा कि - आज पूरे विश्व के जैन समाज के लिए गौरवपूर्ण दिन है जिसे स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जायेगा। हमसभी 24 तीर्थकरों के 5-5 कल्याणक मिलाकर 120 कल्याणक क्षेत्र में से सिर्फ 112 तीर्थ के ही दर्शन कर पाते थे। भगवान मल्लिनाथ स्वामी एवं भगवान नमिनाथ स्वामी के चार - चार कल्याणक तीर्थ की पुनर्स्थापित करना शेष रह गया था। जिसे काफी वर्षो के अथक प्रयास एवं सभी के सहयोग से पूरा कर लिया गया है। तीर्थ की स्थापना एवं यात्रियों के ठहरने एवं पूजन की सभी व्यवस्थाएं तीर्थ पर बन चुकी है। लघु पंचकल्याणक एवं प्रतिष्ठा महामहोत्सव के सम्पन्न होते ही विश्व के सभी जैन समुदायों से अपील करते हुए कहा कि तीर्थ दर्शन के लिए आप सभी पूरे परिजनों के साथ अवश्य पधारे तथा नवनिर्मित तीर्थ का दर्शन कर धर्मलाभ का अवसर प्राप्त करते हुए तीर्थ विकास में अधिक से अधिक सहयोग कर पुण्यार्जन करें।
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इस कार्यक्रम में बिहार स्टेट दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र के 'उपाध्यक्ष' श्री अजय कुमार जी जैन, 'मानद मंत्री' श्री पराग जी जैन, प्रबंधक संजीत जैन (राजगृह), जगदीश जैन (कुण्डलपुर), सोनू जैन (कमलदह जी), बैजनाथ जैन (राजगृह जी), पंकज जैन (मिथिलापुरी), श्री सुनील काला (पटना) एवं आचार्य संघ के सभी मुनिभक्त उपस्थित हुए।
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मिथिलापुरी तीर्थ सम्पर्क सूत्र :-
M: 9155046125 (सोनु जैन)
M; 8540074584 (पंकज जैन)
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रवि कुमार जैन - राजगीर (नालन्दा) बिहार
M: 9386461769
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