नैनागिरि के पास घूमने की जगहें

 

सिद्धक्षेत्र द्रोणगिरि

 

श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र द्रोणगिरि (लधु सम्मेद शिखर) -इस क्षेत्र से गुरुदत्त मुनि सहित साढ़े आठ करोड़ मुनियों ने निर्वाण प्राप्त किया है। पर्वत पर जाने के लिये 170 सीढियाँ बनी हुई हैं। पर्वत पर 35 जिनालय व तीन गुफाएँ हैं। पर्वत के पास दो कुण्ड हैं जिनका जल सर्दियों में गर्म तथा गर्मियों में ठण्डा रहता है। इस क्षेत्र के दोनों ओर चदांक्षीव, श्यामरी नामक दो नदियाँ बहती हैं। ग्राम में मूलनायक भगवान आदिनाथ की सं. 1549 की प्रतिष्ठित प्रतिमा है। गुरुदत्त निर्वाण गुफा, कांच मंदिर, चौबीसी मन्दिर, मानस्तम्भ (अति प्राचीन, चतुर्थकालीन) एवं संग्रहालय दर्शनीय हैं

_________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________

 

खजुराहो ऐतिहासिक/अतिशय क्षेत्र

 

खजुराहो विश्व प्रसिद्ध पर्यटन केन्द्र है। यहाँ अनेक जैन व हिन्दू मन्दिर हैं। 1000 वर्ष प्राचीन (चन्देलकालीन) मंदिरों की शिल्पकला व वास्तुकला उत्कृष्ट हैं। इन्हें पश्चिमी, पूर्वी व दक्षिणी उपसमूहों में बांटा गया है। पश्चिमी समूह में कंदारिया महादेव एवं अन्य कलात्मक हिन्दू मंदिर है। पूर्वी समुह में पार्श्वनाथ मंदिर सहित 16 मंदिर 34 वेदियां है। जो अतिशय क्षेत्र के परिसर में है। इसके अलावा इसी समूह में घण्टाई जैन मंदिर एवं अन्य हिन्दु मन्दिर खजुराहों बस्ती में है। दक्षिण समूह में दुल्हास एवं चतुर्भुज मंदिर है। मुख्यतया कलात्मकता की दृष्टि से शांतिनाथ, पार्श्वनाथ, आदिनाथ व घण्टाई मंदिर प्रमुख हैं। क्षेत्र पर साहू शांति प्रसाद जैन कला संग्रहालय है, जिसमें 9वीं व 10वीं शताब्दि मूर्तियाँ है|

_________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________

 

कुंडलपुर अतिशय क्षेत्र

 

भारतवर्ष का ह्रदय स्थल मध्य प्रदेश का एक जिला है "दमोह" दमोह (जिला मुख्यालय) से लगभग ३५ किलोमीटर दूर पटेरा तहसील में बुन्देखण्ड का शिरर्मोर्य तीर्थ है "कुंडलपुर" जो की "कुण्डलगिरी" नामक अर्द्धचन्द्राकार पहाड़ियों पर स्थित है इन पहाड़ियों पैर स्थित गगनचुम्बी जिनालय सूर्यौदय के समय एक अनुपम अद्धभुत छाया बिखेरते हैं I कुण्डलगिरी पहाड़ियों पर जिनालय एवं पहाड़ों की तलहटी पर बने छोटे-छोटे जिनालयों को मिलाकर कुल जिनालयों की संख्या ६३ हैं I सभी जिनालयों में मनोहारी प्राचीन जिन प्रतिमाएं विराजमान हैं I इन श्वेत भव्य अनुपम जिनालयों के मध्य में मनोहारी प्रथम तीर्थंकर, जिन शिरोमणि मूलनायक बड़े बाबा १००८ भगवन आदिनाथ का मुख्य मंदिर हैं I जिसमे भारत में अपने प्रकार की एक लाल बलुआ पत्थर की बानी छठि शताब्दी की १५ फुट ऊँची परम पूज्य १००८ आदिनाथ भगवान की विशाल, भव्य एवं अतिशयकारी प्रतिमा पद्मासन में विराजमान हैं I तलहटी में मनोरम वर्धमान सरोवर हैं जिसके सामने समाधी साधना केन्द्रय हैं, जहाँ पर श्रावक, समाधि की साधना करते हैं

_________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________

 

अहार जी सिद्धक्षेत्र

 

बुंदेलखण्ड जैन तीर्थ यात्रा का अभिन्न अंग श्री अहार जी क्षेत्र अतिशयकारी, सिद्धक्षेत्र है। वर्तमान में आने जाने की सुविधा के साथ साथ क्षेत्र पर रूकने की भी पर्याप्त व्यवस्था है। भगवान शांतिनाथ की विशाल मूर्ति सभी को आकर्षित करती है। यहां प्रतिवर्ष वार्षिक मेला का आयोजन होता है जो कि मार्ग़शीर्ष शुक्ला चतुर्दशी एवं पूर्णिमासी को होता है। इसके अलावा अनेक धार्मिक, सांस्कृतिक आयोजनों से क्षेत्र पर हमेशा चहल पहल बनी रहती है। यहां साधुओं का भी आगमन एवं चैमासा होता रहता है। यहां पर सी.बी.एस.ई. से मान्यता प्राप्त विद्यालय चल रहा है तथा सैकड़ों जैन छात्र छात्रावास में रहकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। सभी धर्मावलम्बियों से अनुरोध है कि क्षेत्र पर दर्शन हेतु अवश्य पधारें तथा क्षेत्र के विकास में तन मन धन से सहयोग करें।

_________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________

 

 

पपौरा जी

 

पपौरा जी जो पमपापुर नाम से भी प्रसिद्ध है एक जैन तीर्थ क्षेत्र है जो मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ से ५ किमो पूर्व में स्थित है। यह एक अतिशय क्षेत्र है जहाँ १०८ जिनालय है सबसे पुराने मंदिरों को प्राचीन समुच्चय कहा जाता है। इसमें दो भूमिगत कक्षों जो 12 वीं सदी के है भी शामिल है। 1860 में 24 मंदिरों के एक अद्वितीय क्लस्टर का निर्माण किया गया था। उसी समय रथ के आकार के मंदिर का भी निर्माण किया गया था। है के रूप में भव्य प्रवेश द्वार का निर्माण किया गया था.

_________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________

 

Bandhavgarh National Park

 

Bandhavgarh National Park is spread at vindhya hills in Madhya Pradesh. Bandhavgarh National Park consists of a core area of 105 sq km and a buffer area of approximately 400 sq km of topography varies between steep ridges, undulating, forest and open meadows. Bandhavgarh National Park is known for the Royal Bengal Tigers. The density of the Tiger population at Bandhavgarh is the highest known in India.

_________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________

 

Panna National Park

 

A journey across the treasures of mother nature, Panna National Park is an experience that takes a step closer to the nature. With its diverse landscapes and tranquil environment, Panna National Park is much more than just its wildlife safari and trips. The scenic waterfalls, enchanting forest trails and never-ending list of flora and fauna at the park will leave you hooked forever with this place. Panna National Park is located in the Panna and Chhatarpur District of Madhya Pradesh and covers a total ground area of 542.67 km sq.

सीधे अपने समूह में साझा करें
copied