अन्य मुख्य मंदिर

पर्वत के प्राचीन मंदिर

 

पर्वत पर पार्श्वनाथ मंदिर, नेमिनाथ मंदिर, चन्द्रप्रभ मंदिर, अजितनाथ मंदिर, आदिनाथ मंदिर, शांतिनाथ मंदिर, अभिनंदननाथ मंदिर है। मुनि सुव्रतनाथ के पांच प्राचीन मंदिर—इसमें भगवान मुनिसुव्रतनाथ की कृष्ण पाषाण की पद्मासन मूर्ति वीर संवत् २४५१ में प्रतिष्ठित हुई। इसकी अवगाहना २ फुट ५ इंच है, श्वेत वर्ण की भगवान मुनिसुव्रतनाथ की पद्मासन प्रतिमा है।

 

संयम कीर्ति स्तंभ

 

नैनागिरि जैन तीर्थ पर पर्वत पर स्थित विशाल 31 फीट उतुंग संयम कीर्ति स्तंभ आचार्य विद्या सागर जी महाराज के स्वर्णिम दीक्षा वर्ष के उपलक्ष्य में निर्मित कराया गया है।यह रचना अद्वितीय एवम् अनूठी है।आचार्य विद्यासागर के जीवन के विविध आयामों को दर्शाती है।

 

बाहुवली मंदिर (तलहटी)

 

यहां धर्मशाला के सामने मंदिरों की श्रृंखला है।इन्हे तलहटी के मंदिर के नाम से जाना जाता है।यहां पर बाहुबली भगवान की खडगासन प्रतिमा,ओम, हीं एवम् पांच मेरु विराजमान है। एक विशाल प्रवचन हॉल है।कई अन्य मंदिर एवम् एक मानस्तंभ भी है।

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