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importance of guru's feet

Today the city of Udaipur is blessed where the Nation Saint Prefix Winner Guru Maa Ganini Aryika 105 Shree Suprakash Mati Sasang Acharya Ratna 108 Worshiping the feet of Shree Vardhaman Sagar Ji Maharaj and witnessing the importance of one's Guru became the most important moment of Udaipur. Puranachandra Prabhu Ayad Jain Temple! While welcoming Acharya Shree to the town, Guru Maa did the first three parikramas at Thokar Chauraha and greeted the entire Sangh and participated fully in the Shobha Yatra! Shravak nat head ho bhav bhi bhor were blessed is the Guru and blessed is the disciple and blessed is the religion that teaches how to become humble Today's scene was captured in golden letters where the current Guru's crescent arrived! Share Guru Vandan and get the virtue, on the one hand Guru Maa Suprakashmati Mataji is welcoming the Guru of her Guru Parampara and on the other hand, Acharya 108 Nayan Sangar Ji entered the auspicious pilgrimage on the pilgrimage created by the inspiration of Guru Maa.


1 year ago

By : Shri Dhyanodya Tirth Kshetra

गुरू चरणो का महत्व

आज उदयपुर नगरी धन्य हुई जहाँ राष्ट्र संत उपसर्ग विजेता गुरु माँ गणिनि आर्यिका 105 श्री सुप्रकाश मति सासंग आचार्य रत्न 108श्री वर्धमान सागर जी महाराज के चरणों की पूजा करते हुए कैसे अपने गुरु का महत्व होता है महत्वपूर्ण पल का साक्षी बना उदयपुर का सबसे पुरानाचंद्र प्रभु आयड जैन मंदिर!आचार्य श्री की नगर अगवानी करते हुई ठोकर चौराहा पर गुरु माँ ने प्रथम तीन परिक्रमा कर वंदन अभिनन्दन पुरे संघ का किया और शोभा यात्रा मे पूर्ण शिरकत की!ऐसा आभास हुआ जैसे चतुर्थ काल मे गुरु वंदना होती थी वैसा सभी श्रावक नत मस्तक हो भाव विभोर थे धन्य वो गुरु और धन्य है वह शिष्य और धन्य है जिन धर्म जौ यह सिखाता है कैसे विनयशील हुआ जाता है आज का दृश्य स्वर्णिम अक्षरों मे कैद हुआ जहाँ गुरु वर्तमान के वर्धमान का आगमन हुआ!इति शुभम सभी अवश्य शेयर कर गुरु वंदन पुण्य प्राप्त करे साथ एक तरफ तो गुरु माँ अपने गुरु परम्परा के गुरु की अगवानी Suprakashmati Mataji कर रहे हो वही गुरु माँ की प्रेरना से निर्मित तीर्थ पर आचार्य 108 नयन सांगर जी गुरु का मंगल प्रवेश हुआ ।


1 year ago

By : Shri Dhyanodya Tirth Kshetra