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first day of golden jubilee celebrations

 

On the occasion of Golden Jubilee of Shri Ganesh Varni Digambar Jain Sansthan, the three-day National Seminar started with invocation and lighting of lamp.
The program was presided over by the Vice Chancellor of Sampurnanand Sanskrit University, Prof. Hareram Tripathi. He said Indian culture is a confluence of Vedic and Shramana currents. Jainism's non-violence and anekanta principle are helpful in attaining salvation. 

As the chief guest, Prof. Nagendra Pandey (Kashi Vishwanath Trust) told the need of the principles of Jainism as very important for the welfare of the world and mankind.
Introduction of the institute and welcome of the guests Prof. Ashok Kumar Jain, Roorkee.
07 books were released on this occasion in which freedom fighter Prof. Khushalchandra Gorawala Smriti Granth, Samaysar, Tatvsansidvi, History of Jain Literature Part 1, and History of Jain Literature Part 2, Anekanta and Syadvad, In the Womb of  Including Pragya Bhatt by The Godess.

Pro. Kamlesh Kumar Jain, Prof. Ashok Kumar Jain and Soumya Iyer presented the introduction of the books. On this occasion Prof. Abhay Kumar Jain, Shri Keshav Jain etc. gave their views. Thank you Pro  Phoolchandra Jain Premi and Dr. Medhavi Jain conducted the program.

On this occasion, Mr. Kishorekant Gorawala, Dr. S.P. Pandey, Prof. Praduman Shah, Dr. D.P. Sharma, Mr. Shanti Swaroop Sinha, Prof. Jaykumar Jain, Mr. V.K. Jain, Mr. Deepak Jain, Mr. RC Jain, Mr  Rakesh Jain, Mrs. Neerja Jain, Mr. Animesh Jain, Mrs. Pragya Bhatt, Mrs. Priya Jain, Mrs. Munni Pushpa Jain, Mr. Amit Jain, Mr. Chakesh Kumar Jain, Mr. Vimal  Kumar Jain, Pandit Manish Kumar Jain, Dr. Vivekananda Jain etc  Be present| 
After this the seminar sessions started in which learned people from all over the country presented their lectures. This program will continue for the next two days. The venue of the event is Inter University Center for Teachers Education, Naria Varanasi.


2 years ago

By : Shri Ganesh Varni Digamber Jain Sansthan

स्वण॔ जयंती समारोह का पहला दिन

 

श्री गणेश वर्णी दिगंबर जैन संस्थान के स्वर्ण जयंती के अवसर पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ मंगलाचरण एवं दीपप्रज्जवलन से हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सम्पूर्णानंद संस्कृत वि. वि. के कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने की । उन्होंने भारतीय संस्कृति वैदिक और श्रमण धाराओं का संगम है। जैन धर्म का अहिंसा और अनेकांत सिद्धांत मोक्ष प्राप्ति में सहायक है। 

मुख्य अतिथि के तौर पर प्रो. नागेन्द्र पाण्डेय (काशी विश्वनाथ ट्रस्ट ) ने जैन धर्म के सिद्वांतो की आवश्यकता विश्व एवं मानव जाति के कल्याण के लिए बहुत जरूरी बतलाया।
संस्थान का परिचय एवं अतिथियों का स्वागत प्रो. अशोक कुमार जैन, रूड़की ने किया ।
इस अवसर पर 07 पुस्तकों का विमोचन हुआ जिसमें स्वतंत्रता सेनानी प्रो खुशालचन्द्र गोरावाला स्मृति ग्रंथ, समयसार, तत्वसंसिद्वि, जैन साहित्य का इतिहास भाग 1, और जैन साहित्य का इतिहास भाग 2, अनेकांत और स्याद्वाद, इन दा वोम्ब ऑफ  दा गोडेस द्वारा प्रज्ञा भट्ट भी शामिल है।

प्रो कमलेश कुमार जैन, प्रो अशोक कुमार जैन तथा सौम्या अय्यर ने पुस्तकों का परिचय प्रस्तुत किया| इस अवसर पर प्रो अभय कुमार जैन, श्री केशव जैन आदि ने अपने विचार रखे | धन्यवाद ज्ञापन प्रो  फूलचन्द्र जैन प्रेमी ने तथा कार्यक्रम का संचालन डॉ मेधावी जैन ने किया|

इस अवसर पर श्री किशोरकान्त गोरावाला, डॉ एस पी पाण्डेय, प्रो प्रदुमन शाह, डॉ डी पी शर्मा, श्री शांति स्वरुप सिन्हा, प्रो जयकुमार जैन, श्री वी.के. जैन, श्री दीपक जैन, श्री आर सी जैन, श्री  राकेश जैन, श्रीमती नीरजा जैन, श्री अनिमेष जैन, श्रीमती प्रज्ञा भट्ट, श्रीमती प्रिया जैन, श्रीमति मुन्नी पुष्पा जैन, श्री अमित जैन, श्री चकेश कुमार जैन, श्री विमल  कुमार जैन, पंडित मनीष कुमार जैन, डॉ विवेकानंद जैन आदि  उपस्थित रहे| 
इस के बाद संगोष्ठी के सत्र प्रारंभ हो गए जिसमे देश भर से पधारे विद्वत जनों ने अपने अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए। यह कार्यक्रम आगामी दो दिन जारी रहेगा। कार्यक्रम स्थल इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फ़ॉर टीचर्स एजुकेशन, नरिया वाराणसी है।


2 years ago

By : Shri Ganesh Varni Digamber Jain Sansthan