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विश्व शांति केंद्र

स्थापना दिवस

विश्व शांति केंद्र के स्थापना दिवस पर राज्यपाल कोश्यारी ने राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया

राष्ट्र निर्माण में संतों और सामाजिक संगठनों का महत्वपूर्ण योगदान – केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल

'अहिंसा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार' JITO, संजय घोड़ावत फाउंडेशन, गुरुदेव राकेश - आचार्य लोकेशजी को समर्पित

महाराष्ट्र, मुंबई 06.11.2022: "राष्ट्र निर्माण में संतों और सामाजिक संस्थाओं का योगदान" पर राष्ट्रीय संगोष्ठी महाराष्ट्र राजभवन के गरिमामय प्रांगण में आयोजित किया गया था। संगोष्ठी का उद्घाटन महाराष्ट्र के माननीय राज्यपाल श्री भगत सिंह कोश्यारी ने किया। इस समारोह में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, आचार्य डॉ लोकेशजी, अहिंसा विश्व भारती और विश्व शांति केंद्र के संस्थापक श्री जयंत जैन के साथ श्रीमद राजचंद्र मिशन धरमपुर, जीतो एपेक्स और संजय घोरावत फाउंडेशन से जुड़ी गणमान्य हस्तियों ने भाग लिया।

महाराष्ट्र के राज्यपाल, माननीय श्री भगत सिंह कोश्यारी ने संबोधित करते हुए कहा कि भारत संतों की भूमि है & साधु। भगवान महावीर, भगवान बुद्ध के मार्ग पर चलकर ही दुनिया में अहिंसा और शांति की स्थापना की जा सकती है। राज्यपाल ने 'अहिंसा विश्व भारती और विश्व शांति केंद्र' के स्थापना दिवस पर बधाई देते हुए कहा कि वर्तमान में आचार्य डॉ लोकेश जी जैसे संत राष्ट्र निर्माण और समाज के उत्थान में सक्रिय योगदान दे रहे हैं।

राज्यपाल श्री भगत सिंह कोश्यारी, केंद्रीय मंत्री श्री पीयूष गोयल और आचार्य लोकेशजी ने इस अवसर पर जैन अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संगठन (JITO), संजय घोड़ावत फाउंडेशन और गुरुदेव राकेश भाई जी को अहिंसा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया।

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने अहिंसा विश्व भारती और विश्व शांति केंद्र के स्थापना दिवस की बधाई देते हुए कहा कि स्वस्थ और समृद्ध राष्ट्र के निर्माण में संतों और सामाजिक संगठनों का योगदान महत्वपूर्ण है। उन्होंने आचार्य लोकेश जी के मानवीय कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि आचार्यश्री ने न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति और भगवान महावीर के अहिंसा के संदेश को फैलाकर देश को गौरवान्वित किया है।

अहिंसा विश्व भारती और वर्ल्ड पीस सेंटर के संस्थापक आचार्य लोकेशजी ने गुरुदेव राकेशभाई जी, जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (JITO), संजय घोड़ावत फाउंडेशन को बधाई दी, जिन्होंने ‘अहिंसा इंटरनेशनल अवार्ड’ इस अवसर पर और कहा कि एक गौरवशाली भारत के निर्माण के लिए। इसके लिए संतों और सामाजिक संस्थाओं को आगे आना होगा। आचार्यश्री ने कहा कि हिंसा और आतंक किसी समस्या का समाधान नहीं है, वैश्विक समस्याओं का समाधान भगवान महावीर के अहिंसा और अनेकान्त दर्शन से ही संभव है।

इस अवसर पर गुरुदेव राकेशभाई की ओर से आत्माप्रीत नेमीजी ने अपना संदेश पढ़ा, जिटो संगठन की ओर से पृथ्वीराज कोठारी जी और संजय घोड़ावत फाउंडेशन की ओर से संजय घोड़ावत ने अहिंसा से सम्मानित होने के लिए अहिंसा विश्व भारती संगठन का आभार व्यक्त किया। पुरस्कार।

कार्यक्रम की शुरुआत आयोजन समिति के अध्यक्ष श्री जयंत जैन के स्वागत भाषण से हुई, धन्यवाद प्रस्ताव श्री गणपत कोठारी जी ने दिया। कार्यक्रम का संचालन मोटिवेशनल स्पीकर श्री साजन शाह ने बखूबी किया। अहिंसा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार का प्रशस्ति पत्र श्री मोतीलाल ओसवाल, श्री महेंद्र बागरेचा, डॉ गौतम भंसाली, श्री किशोर जैन ने पढ़ा। श्री राकेश चोपड़ा, गणपत कोठारी, किशोर जैन, राजीव चोपड़ा, लीना प्रवीण चोपड़ा, राकेश नाहर, विमल कोठारी, प्रकाश चोपड़ा, करण कपूर, जावेद, विनीत आदि ने कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।