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ऐतिहासिकता : इस तीर्थक्षेत्र में 1400 वर्ष प्राचीन 15 मान स्तम्भ पहाड़ में जमीन से खुदाई करने पर प्राप्त हुए हैं। श्री पार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमाओं पर सर्पो के जोड़े बने हुए हैं। यह प्रमाणित है कि भगवान पार्श्वनाथ का समवशरण आया था, यहाँ धर्मशाला में 96 कमरों का निर्माण कार्य तीव्रगति से चल रहा है। भव्य मंदिर का प्रोजेक्ट भी विचाराधीन है। कहा जाता है कि यहाँ वर्षों से सफेद सर्पो का एक जोड़ा भी निवास करता है, जो कि धरणेन्द्र के रूप में रक्षा करता है।
समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - झालरापाटन शहर में भव्य 1000 वर्ष प्राचीन श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर दर्शनीय है। चाँदखेड़ी-35 कि.मी., बिजेलिया पार्श्वनाथ-150 कि.मी.,
fmd_good Jhalrapatan, Jhalawar, Rajasthan, 326023
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