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रतनपुरी (रौनाही ग्राम) वह पवित्र स्थान है, जहाँ १५वें तीर्थंकर भगवान धर्मनाथ के गर्भ, जन्म, दीक्षा और ज्ञानकल्याणक हुए थे। यहीं पर उन्होंने धर्मचक्र प्रवर्तन किया था। मंदिर के अलावा प्राचीन शिखरबंद स्तूप है जिस पर भगवान धर्मनाथ के चरण-चिन्ह स्थापित हैं। महासती मनोरमा ने यहीं पर अपनी दर्शनी प्रतिज्ञा का पालन करते हुए गजमुक्ता चढ़ाए थे। मर्यादा पुरुषोत्तम रामचन्द्र जी के वन गमन के समय ग्रामवासियों के करुण रुदन के कारण गांव का नाम रौनाही पड़ गया। यह स्थान फैजाबाद-बाराबंकी सड़क मार्ग पर अयोध्या से २९ किमी. है।
इसके रेलवे स्टेशन का नाम ‘‘सोहावल’’ है। तीर्थ का एक नाम ‘‘रौनाही’’ भी है, इसी नाम से वर्तमान में तीर्थ की प्रसिद्धि सार्थक है। यहाँ दिगम्बर जैन के दो मंदिर हैं तथा धर्मशाला भी है।
इस पवित्र भूमि पर धर्मनाथ भगवान के चार कल्याणक हुए हैं-गर्भ, जन्म, तप और ज्ञान। केवलज्ञान होने के पश्चात् भगवान् का प्रथम समवसरण यहीं लगा था, उनकी प्रथम दिव्यध्वनि यहीं खिरी थी और धर्मचक्र का प्रवर्तन भी यहीं से हुआ था।
तीर्थंकर भगवान के जन्म में पन्द्रह माह तक रत्नवृष्टि होने से उसका ‘‘रतनपुरी’’ नाम सार्थक तो हुआ है।
इस प्रकार ‘‘दर्शन प्रतिज्ञा’’ के अचिन्त्य माहात्म्यस्वरूप मनोवती की प्रेरणा से बुद्धिसेन ने इसी ‘‘रतनपुरी’’ नगरी में एक हजार आठ शिखरों वाला विशाल मंदिर बनवाया था किन्तु वर्तमान में वहाँ उस इतिहास के कोई भी अवशेष उपलब्ध नहीं हैं, न ही वहाँ कोई जैन घर है। बस्ती में एक छोटा-सा मंदिर है जहाँ भगवान धर्मनाथ की श्वेत पाषाण की ३ फुट ऊंची पद्मासन प्रतिमा है। जिसकी प्रतिष्ठा विक्रम सं. २००७ में हुई थी।
क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ
आवास - 12 कमरे उपलब्ध है व एक हॉल भी है।
यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 150.
भोजनशाला - है, अनुरोध पर उपलब्ध है
आवागमन के साधन
रेल्वे स्टेशन - सोहावल - 12 कि.मी.
बस स्टेण्ड - रोहानी थाना - 1 कि.मी.
पहुँचने का सरलतम मार्ग - लखनऊ - फैजाबाद रेलमार्ग पर सोहावल स्टेशन है। यहाँ से क्षेत्र तक पक्का मार्ग है। रिक्शा उपलब्ध नहीं है।
निकटतम प्रमुख नगर - फैजाबाद - 18 कि.मी.
ऐतिहासिकता - महासती मनोरमा ने यहीं पर अपनी दर्शन प्रतिज्ञा को गजमुक्ता चढ़ाकर पूर्ण किया था।
fmd_good रतनपुरी, रोशनी, Faizabad, Uttar Pradesh, 224182
account_balance फोटो Temple