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यह मन्दिर जैन धर्म के अनुयायियों का एक पवित्र स्थान है। यह मंदिर इतना विशाल नहीं है किन्तु बहुत खूबसूरत है। जहाँ भगवान श्री चंद्रप्रभ जी की मनोहारी खड्गासन प्रतिमा विराजमान है। इस प्रतिमा को चतुर्थ काल का माना जाता है।
इस मन्दिर का इतिहास तो नही प्राप्त हो पाता है क्यों की बहसूमा में अब केवल एक ही जैन परिवार शेष बचा हैं किन्तु यह मंदिर 250-300 वर्ष पुराना प्रतीत होता है। यह मंदिर वास्तव में अच्छा शांतिपूर्ण और पारंपरिक वास्तुकला से बना हुआ जैन मंदिर हैं अतिशय क्षेत्र बहसूमा
क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ
आवास -
कमरे (अटैच बाथरूम)- 4,
कमरे (बिना बाथरूम) - 6,
हाल - 1 (यात्री क्षमता - 250)
यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 250.
यहाँ भोजनशाला नहीं है ।
आवागमन के साधन
रेल्वे स्टेशन - मेरठ - 40 कि.मी.
बस स्टेण्ड - बहसूमा - 100 मी.
निकटतम प्रमुख नगर - मेरठ - 40 कि.मी., हस्तिनापुर - 12 कि.मी.
ऐतिहासिकता - क्षेत्र पर चतुर्थ काल की चन्द्रप्रभु भगवान की भव्य प्रतिमा विराजमान है। यहाँ प्राचीन मन्दिरजी है, जिसके शिखर की ऊँचाई 200 फीट है।
समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र
हस्तिनापुर - 10 कि.मी., महलका - 30 कि.मी., हरिद्वार - 130 कि.मी.
प्रबन्ध व्यवस्था
संस्था - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र बहसूमा कमेटी
कैसे पहुंचा जाये?
पहुँचने का सरलतम मार्ग - रोडवेज़ एवं निजी बस से । मेरठ - बिजनौर मार्ग पर स्थित है। दिल्ली - पौड़ी हाइवे
fmd_good बेहसुमा, Meerut, Uttar Pradesh, 250404
account_balance फोटो Temple