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श्री 1008 शांतिनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर अतिशय क्षेत्र टिकटौली जौरा तहसील जिला मुरैना (सन् 1429) - दुमदार मुरैना जिला की जौरा तहसील में टिकटौली ग्राम स्थित है, मुरैना से लगभग 45 कि.मी. एवं जौरा से लगभग 20 कि. मी. दूरी पर अवस्थित है। यह गाँव विन्धापठार श्रृंखला के मध्य स्थित है। पर्वतमाला में चट्टान को काटकर जिन (जैन) प्रतिमाएँ निर्मित हुई एवं संरचनात्मक मंदिर का निर्माण हुआ। मंदिर स्थल गाँव से लगभग 1 कि.मी. की दूरी पर स्थित हैं।
इतिहास और पुरातत्व का आपस में सदियों से समागम है, जो टिकटौली ग्राम में देखने को मिलता है, यह क्षेत्र प्राचीनता और नूतनता का समागम केन्द्र है। टिकटौली मुरैना जिले की जौरा तहसील के अंतर्गत आता है, यह क्षेत्र प्रकृति की सुंदरता एवं सौम्यता से परिपूर्ण है, टिकटौली ग्राम विभिन्न पर्वत श्रृंखलाओं से घिरा हुआ है। इन पर्वत श्रृंखलाओं पर बहुत सी प्राकृतिक छटाऐं बिखरी हुई हैं। यह क्षेत्र अपने आप में शांति, सुंदरता, अनुपमता और उत्कृष्टता का ध्यान स्थली केन्द्र है।
मंदिर के बाईं तरफ एक विशाल झरना है, जो केवल बरसात में ऊपर से नीचे की ओर ऊर्ध्वाधर स्थिति में पानी बहता रहता है, इस क्षेत्र में कभी अतीत में जंगल रहा है। वर्तमान में वृक्ष तो है, परन्तु कम मात्रा में रह गये हैं। टिकटौली क्षेत्र दिगम्बर जैन सम्प्रदाय का धर्म और आध्यात्म के साथ-साथ पर्यटन क्षेत्र भी है, लोग प्रभु की आराधना के लिये इस स्थान पर जाते हैं। श्रद्धा एवं आस्था के साथ। परन्तु ऋतु परिवर्तन के समय जैसे बरसात में लोग पिकनिक मनाने भी आते हैं।
कल्याणमल के शासनकाल की किसी भी कला गतिविधियों की सूचना नहीं है। इस दृष्टि से यह निर्माण महत्वपूर्ण है। तोमर युग में ग्वालियर दुर्ग के अलावा शैलोत्कीर्ण मूर्तिकला के उदाहरण नगण्य है। इस दृष्टि से टिकटौली दुमदार का शैलोत्कीर्ण मूर्तिशिल्प उल्लेखनीय है। यहाँ से निकटस्थ परसोठा ग्राम में भी विदित जिन मूर्तियाँ स्थापित हैं। प्रतीत होता है कि तोमर युग में इस क्षेत्र में जैन पर्याप्त संख्या में थे। किन्तु आज यहाँ जैन पर्याप्त संख्या में नहीं है।
श्री 1008 शांतिनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर अतिशय क्षेत्र टिकटौली जौरा तहसील जिला मुरैना (सन् 1429) - दुमदार मुरैना जिला की जौरा तहसील में टिकटौली ग्राम स्थित है, मुरैना से लगभग 45 कि.मी. एवं जौरा से लगभग 20 कि. मी. दूरी पर अवस्थित है। यह गाँव विन्धापठार श्रृंखला के मध्य स्थित है। पर्वतमाला में चट्टान को काटकर जिन (जैन) प्रतिमाएँ निर्मित हुई एवं संरचनात्मक मंदिर का निर्माण हुआ। मंदिर स्थल गाँव से लगभग 1 कि.मी. की दूरी पर स्थित हैं।
इतिहास और पुरातत्व का आपस में सदियों से समागम है, जो टिकटौली ग्राम में देखने को मिलता है, यह क्षेत्र प्राचीनता और नूतनता का समागम केन्द्र है। टिकटौली मुरैना जिले की जौरा तहसील के अंतर्गत आता है, यह क्षेत्र प्रकृति की सुंदरता एवं सौम्यता से परिपूर्ण है, टिकटौली ग्राम विभिन्न पर्वत श्रृंखलाओं से घिरा हुआ है। इन पर्वत श्रृंखलाओं पर बहुत सी प्राकृतिक छटाऐं बिखरी हुई हैं। यह क्षेत्र अपने आप में शांति, सुंदरता, अनुपमता और उत्कृष्टता का ध्यान स्थली केन्द्र है।
मंदिर के बाईं तरफ एक विशाल झरना है, जो केवल बरसात में ऊपर से नीचे की ओर ऊर्ध्वाधर स्थिति में पानी बहता रहता है, इस क्षेत्र में कभी अतीत में जंगल रहा है। वर्तमान में वृक्ष तो है, परन्तु कम मात्रा में रह गये हैं। टिकटौली क्षेत्र दिगम्बर जैन सम्प्रदाय का धर्म और आध्यात्म के साथ-साथ पर्यटन क्षेत्र भी है, लोग प्रभु की आराधना के लिये इस स्थान पर जाते हैं। श्रद्धा एवं आस्था के साथ। परन्तु ऋतु परिवर्तन के समय जैसे बरसात में लोग पिकनिक मनाने भी आते हैं।
कल्याणमल के शासनकाल की किसी भी कला गतिविधियों की सूचना नहीं है। इस दृष्टि से यह निर्माण महत्वपूर्ण है। तोमर युग में ग्वालियर दुर्ग के अलावा शैलोत्कीर्ण मूर्तिकला के उदाहरण नगण्य है। इस दृष्टि से टिकटौली दुमदार का शैलोत्कीर्ण मूर्तिशिल्प उल्लेखनीय है। यहाँ से निकटस्थ परसोठा ग्राम में भी विदित जिन मूर्तियाँ स्थापित हैं। प्रतीत होता है कि तोमर युग में इस क्षेत्र में जैन पर्याप्त संख्या में थे। किन्तु आज यहाँ जैन पर्याप्त संख्या में नहीं है।
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Tiktoli (Doomdar),
Jora,
Tiktoli, Morena,
Madhya Pradesh,
476221
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Digamber
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