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करहिया ग्राम ग्वालियर देहात (गिर्द) जिले में ग्वालियर से 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है | एक ऐसा तीर्थ जहां 14.15 फुट ऊंची भगवान ‘शान्तिनाथ जी की प्रतिमा विराजमान थी पर जिसे सुरक्षा की नजर से सोनागिरि जी मे विराजमान कर दिया गया है।

यहाँ के वरहिया जैन बहुत धार्मिक, सहृदय और परम्परा निष्ठ रहे हैं | यहाँ कुम्हरिया (चौधरी व दीवान), धनोरिया, पलैया, रोंसरया प्रभृति अनेक गौत्रों के लोग परस्पर सौहार्द के साथ रहते और धर्म पालन करते थे |

पार गाँव से आये कुम्हरिया लोगों ने यहाँ खुशालीराम दीवान की अटारी में अपने साथ लाई जिन प्रतिमा की प्रतिष्ठा कर एक चैत्य की स्थापना की | बाद में वृजलाल जी दीवान ने अपने पूर्वज कमल सिंह दीवान का मकान मंदिर निर्माण हेतु विक्रम संवत 1922 में वरहिया समाज को दान में दिया |

किंतु इस क्षेत्र पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है, इस प्राचीन जैन धरोहर को पुनर्व्यवस्थित करने में गणाचार्य श्री विराग सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य आर. पी. यदुवंशी जैन जी की पावन प्रेरणा इस महान क्षेत्र को मिली हुई है, हाल ही में 29 मई, 2022 को भगवान श्री शांतिनाथ जी के जन्म, तप व मोक्ष कल्याणक पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया व जीर्णोद्धार की नींव रखी गयी ।

क्षेत्र पर पहाड़ : पहाड़ी है, 25 सीढियाँ बन गई है । 100 सीढ़ियों का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - सोनागिरि - 65 कि.मी., गोपाचल पर्वत (ग्वालियर) - 55 कि.मी., 

करहिया ग्राम ग्वालियर देहात (गिर्द) जिले में ग्वालियर से 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है | एक ऐसा तीर्थ जहां 14.15 फुट ऊंची भगवान ‘शान्तिनाथ जी की प्रतिमा विराजमान थी पर जिसे सुरक्षा की नजर से सोनागिरि जी मे विराजमान कर दिया गया है।

यहाँ के वरहिया जैन बहुत धार्मिक, सहृदय और परम्परा निष्ठ रहे हैं | यहाँ कुम्हरिया (चौधरी व दीवान), धनोरिया, पलैया, रोंसरया प्रभृति अनेक गौत्रों के लोग परस्पर सौहार्द के साथ रहते और धर्म पालन करते थे |

पार गाँव से आये कुम्हरिया लोगों ने यहाँ खुशालीराम दीवान की अटारी में अपने साथ लाई जिन प्रतिमा की प्रतिष्ठा कर एक चैत्य की स्थापना की | बाद में वृजलाल जी दीवान ने अपने पूर्वज कमल सिंह दीवान का मकान मंदिर निर्माण हेतु विक्रम संवत 1922 में वरहिया समाज को दान में दिया |

किंतु इस क्षेत्र पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है, इस प्राचीन जैन धरोहर को पुनर्व्यवस्थित करने में गणाचार्य श्री विराग सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य आर. पी. यदुवंशी जैन जी की पावन प्रेरणा इस महान क्षेत्र को मिली हुई है, हाल ही में 29 मई, 2022 को भगवान श्री शांतिनाथ जी के जन्म, तप व मोक्ष कल्याणक पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया व जीर्णोद्धार की नींव रखी गयी ।

क्षेत्र पर पहाड़ : पहाड़ी है, 25 सीढियाँ बन गई है । 100 सीढ़ियों का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - सोनागिरि - 65 कि.मी., गोपाचल पर्वत (ग्वालियर) - 55 कि.मी., 


fmd_good Manhardev Gram, Karahiya, Bhritwar, Gwalior, Madhya Pradesh, 475220

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