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पंच कल्याणक 2023
भगवान महावीर स्वामी प्रथम साधना स्थली, पावापुरी (नालंदा) बिहार में अवस्थित है, यह स्थली भगवान महावीर स्वामी जी के जन्म स्थली कुंडलपुर और भगवान महावीर स्वामी जी के निर्वाण भूमि पावापुरी जी के मुख्य मार्ग पर सैनिक स्कूल नालंदा के निकट है । भगवान महावीर को जब नंद्यावर्त महल और अपने राज पाट से वैराग हुआ तो वे इसी स्थान पर आकर अपने वस्त्र और आभूषण का त्याग किये और पहला साधना (तपस्या) उन्होंने यहाँ किया, प्राचीन काल मे यहाँ घनघोर जंगल हुआ करता था । बिहार सरकार के द्वारा इस स्थान को विकसित करने के लिए सड़क की व्यवस्था की गई , जिसे वर्तमान में इस पथ का नाम महावीर पथ करने की योजना है । इसके लिए बिहार राज्य जैन अल्पसंख्यक समुदाय संघ सत्तत्त प्रयत्न शील है । इस स्थान पर एक अति मनमोहक मन्दिर का निर्माण भी किया गया है, जहाँ भूतल से (जमीन से) लगभग 20 फिट की ऊँचाई पर पद्मासन मुद्रा में 5 फिट की अति मनोज्ञ भगवान महावीर की प्रतिमा स्थापित है, नीचे गर्भगृह में 24 तीर्थकरों की मनभावन अति मनमोहक प्रतिमा विराजमान हैं , अष्टधातु की एक प्रतिमा 3 फुट की विराजित है, इस पावन भूमि पर पधारने के पश्चात मनुष्य अपने दुखों को भूल जाता है, एक असीम सुख और आंनद की अनुभूति इस मन्दिर जी के दर्शन करने से होता है। इस महावीर पथ से होकर गुजरने वाले महाराज जी एवम माता जी के विश्राम हेतु 1200 - 1200 स्क्वायर फुट के 2 बड़े - बड़े हॉल एवम एक कमरा लैट्रिन बाथरूम अटैच का निर्माण बिहार राज्य जैन अल्पसंख्यक समुदाय संघ के द्वारा करवाया गया है । शुद्ध जल के लिए बोरिग की गई है जो आने जाने वाले तीर्थयात्रियों, साधु संतों एवं आम लोगों के लिए मीठा जल उपलब्ध करवाता है, बिजली की समुचित व्यवस्था बिहार राज्य विधुत बोर्ड के द्वारा निर्वाध रूप से जारी है , तीर्थ पर कुशल एवं योग्य प्रबंधक कमिटी द्वारा नियुक्त किए गए हैं । जो आने जाने वाले तीर्थयात्रियों, महाराज श्री , माता जी के व्यवस्था का पूरा - पूरा ख्याल रखने के साथ तीर्थ को सुसज्जित ढँग से संचालित कर रहे हैं, तीर्थ यात्रियों से प्राप्त दान की राशि को तीर्थ के विकास में लगाने का कार्य जारी है, तीर्थ की व्यवस्था में कोई कमी को तुरंत पूरा करने के लिए बिहार राज्य जैन अल्पसंख्यक समुदाय संघ के अध्यक्ष श्री अरुण कुमार जी जैन तन - मन - धन से लगे हुए हैं । समाज के प्रबुद्ध लोगो से सम्पर्क कर तीर्थ निर्माण की योजना को और गति दी जाय इसके लिए अध्यक्ष महोदय सत्तत्त प्रयास करते रहते हैं। इसके समाज के लोगो का सहयोग अपेक्षित है ।श्री मन्दिर जी का पंचकल्याणक महामहोत्सव का पुनीत कार्य परमपूज्य आचार्य श्री 108 विराग सागर जी महाराज के परम प्रभाक शिष्य आगमनिष्ठयोगी आध्यात्मयोगी श्रमण मुनि श्री 108 विशल्य सागर जी महाराज के सानिध्य में दिनांक 22 फरवरी 2023 से लगायत दिनांक 27 फरवरी 2023 तक पूरे हर्सोल्लास के साथ धूमधाम से पावापुरी की पावन धरा पर आयोजित है । इस कार्यक्रम की मार्ग निर्देशिका ब्र. अलका दीदी जी बा. ब्र.भारती दीदी जी इस पंचकल्याणक महोत्सव को वृहद रूप से आयोजित करने के लिए सतत प्रयत्नशील है ।
2 वर्ष पहले
By : Bhagwan Mahavir Swami Pratham Sadhna Sthali