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Mangal Aagman
श्रवणबेलगोला, कर्नाटक मे प्रथम राष्ट्रसंत श्वेतपिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज की जीवंत प्रतिमा जी का स्वस्तिश्री भट्टारक चारुकीर्ति स्वामी जी ने किया भव्य स्वागत।~~~~~~~~~~~~~~~~~~~अंतेवासी पट्टशिष्य परम्पराचार्य श्री प्रज्ञसागर जी मुनिराज के मंगल प्रेरणा से पूज्य गुरुदेव प्रथम राष्ट्रसंत स्वेतपिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज की मनोज्ञ प्रतिमा दिल्ली से श्रवनवेलगोला कर्नाटक पहुँची जहाँ पर स्वस्तिश्री भट्टारक चारुकीर्ति स्वामी जी ने भव्य रूप से स्वागत करते हुए आचार्य श्री को अर्घ्य समर्पित किया एवं पुष्पवृष्टि करते हुए भावुक होते हुए शत शत बार नमन किया~~~~~~~~~~~जय बोलो आचार्य विद्यानंद जी मुनिराज की जय........जय बोलो आचार्य श्री प्रज्ञसागर जी मुनिराज की जय~~~~~~~~~~संघ संचालक अरविंद जैन "प्रज्ञ" (महामंत्री,द्वारका) 9810141650
2 years ago
By : Bhagwan MAHAVEER AHIIMSA BHARTI TRUST