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This ancient Vardhamanapuram city, named after Lord Mahavira, was a very prosperous, then dominated by Jainism and a city with exquisite temples. At that time no architecture existed in the country like the temples of this city. 

But once due to the time fault, this place was destroyed by the Mughals attack, beautiful temples were destroyed, artifacts were destroyed. And along with the beauty of this city, the truth was also erased from the pages of history.

Today it is necessary to bring this truth to the fore, so that you can understand, how many heretics have tried to corrupt our eternal jinn rule, but the way some clouds come in front of the sun, its light does not make any difference, In the same way, Jinshasana's sun has been shining like a ray from time immemorial. This is the real truth.

Come now to know about this pilgrimage site - 

Shri Digambar Jain Atishaya Kshetra, Umta Gujarat

During the excavation here, about 74 idols of the main Lord Adinath ji have been recovered from the ground. Here development work is in progress

Means of Transport

Railway Station - Visnagar - 8 km

Bus Stand - Umta

Annual Fair - 28th April Acharya Shri Nirbhay Sagar Diksha Diwas 

Nearby pilgrimage area

Taranga - 35 kms, Ambaji - 85 kms, Mount Abu - 120 kms, Idar Wadali - 75 kms, Pavagadh - 255 kms, Girnar - 355 kms. m., Palitana - 305 kms. Keshariji - 215 

भगवान महावीर के नाम से बसा यह प्राचीन वर्धमानपुरम नगर बहुत समृद्धिशाली, जैनधर्म के तत्कालीन वर्चस्व परिपूर्ण और अति सुंदर मंदिरों वाली नगरी थी । उस समय इस नगर के मंदिरों के समान देश मे कोई भी वास्तुकला नही टिकती थी । 

लेकिन काल दोष से एक बार मुगलों के आक्रमण से इस जगह को विध्वंस किया जाने लगा,, सुंदर मन्दिरो को तोड़ा गया, कलाकृतियों को नष्ट किया गया । ओर इस नगरी की सुंदरता के साथ साथ सत्य को भी इतिहास के पन्नो से मिटा दिया गया।

आज इस सत्य को सामने लाना जरूरी है, जिससे आप समझ पाए, कि हमारे शाश्वत जिनशासन को कितने विधर्मियों ने दूषित करने का प्रयास किया, लेकिन जिस प्रकार सूर्य के सामने कुछ बादल आ जाने से उसके प्रकाश में कोई फर्क नही आता, ठीक उसी तरह जिनशासन का सूर्य अनादिकाल से समान चमक बिखेरता रहा है । यही प्रामाणिक सत्य है ।

आइये अब जाने इस तीर्थस्थल के बारे में - 

श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र, उमता गुजरात

यहां पर खुदाई के दौरान मुख्य भगवान आदिनाथ जी की लगभग 74 मूर्तियों को जमीन से बरामद किया गया है। यहां विकास कार्य प्रगति पर ह

आवागमन के साधन

रेलवे स्टेशन - वीसनगर - 8 कि.मी.

बस स्टेण्ड - उमता

वार्षिक मेला - 28 अप्रैल आचार्य श्री निर्भय सागर दीक्षा दिवस 

समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र

तारंगा - 35 कि.मी., अंबाजी - 85 कि.मी., माउन्ट आबू - 120 कि.मी., ईडर वडाली - 75 कि.मी., पावागढ़ - 255 कि.मी., गिरनार - 355 कि.मी., पालीताणा - 305 कि.मी. केशरियाजी - 215 


fmd_good Veesnagar, Umta, Mehsana, Gujarat, 384320

account_balance Digamber Temple

Contact Information

person Shri Saubhagya Mal Kataria

badge President

call 9624830265


person Shri S.S.Jain

badge General Secretary

call 9313770931

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