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बंधुओ, अर्हं योग प्रेणता परम पूज्य मुनिश्री १०८ प्रणम्य सागर जी महाराज के आशीर्वाद से अर्हं जीव दया भारत विगत 5 माह में करीब  32 लाख रुपए का अनुदान गौ सेवा और साधर्मी सेवा के लिए कर चुका है।

 जीव दया का यह अद्वित्य कार्य अर्हं जीव दया भारत से जुड़े प्रति माह सहयोग करने वाले बंधुओ के दान की नींव पर संभव हुआ है। यह नींव निरंतर मजबूत होती जा रही है। आप भी मात्र 2500 रुपए प्रति माह या 1000 रुपए प्रति माह से पंच उपयोग निधि कोष योजना के साथ जुड़कर अर्हं जीव दया भारत की नींव को मजबूती दे सकते है। 

अर्हं जीव दया भारत की निम्नलिखित मुख्य योजनाएं हैं :

1. गौ ग्रास निधि कोष

2. गौ औषधि निधि कोष

3. बेटा बेटी शिक्षा निधि कोष (केवल प्रतिभास्थली और गुरुकुल के लिए)

4. बेटा बेटी चिकित्सा निधि कोष (केवल 18 वर्ष तक की उम्र के गंभीर बीमारी से ग्रसित बच्चों के लिए)

5. ब्रह्मचारी व्रती भैया दीदी निधि कोष

आप 2500 रुपए प्रति माह या 1000 रुपए प्रति माह के सहयोग से  पंच उपयोग निधि कोष के साथ जुड़कर उपरोक्त पांचों प्रकार के दान का पुण्य अर्जित कर सकते है।

 इसके अतिरिक्त अर्हं जीव दया भारत द्वारा राशन पानी निधि कोष योजना से आर्थिक रूप से असमर्थ और कठिन परिस्थिति का सामना कर रहे परिवार के लिए राशन का सहयोग होता है। अर्हं जीव दया भारतके सहयोग से विद्यांजलि द्वारा साधर्मी परिवार के पास अपना आहार किट भेजा जाता है जिसमे राशन की लगभग 21 वस्तुएं शामिल होती है।

अर्हं जीव दया भारत द्वारा यह जीव दया की एक ऐसी मुहिम शुरू की गई है जिसके साथ समाज का प्रत्येक जैन परिवार जुड़ता है तो निश्चित रूप से एक संस्कारित और मजबूत जैन समाज का निर्माण होगा। 

बंधुओ, जो साधर्मी आज किसी भी कठिन परिस्थिति में है, उसे समाज के सहयोग की अत्यंत आवश्यकता है। समाज के सहयोग के अभाव में सिकुड़ती जैन समाज निरंतर सिकुड़ती जा रही है।

 

बंधुओ, अर्हं योग प्रेणता परम पूज्य मुनिश्री १०८ प्रणम्य सागर जी महाराज के आशीर्वाद से अर्हं जीव दया भारत विगत 5 माह में करीब  32 लाख रुपए का अनुदान गौ सेवा और साधर्मी सेवा के लिए कर चुका है।

 जीव दया का यह अद्वित्य कार्य अर्हं जीव दया भारत से जुड़े प्रति माह सहयोग करने वाले बंधुओ के दान की नींव पर संभव हुआ है। यह नींव निरंतर मजबूत होती जा रही है। आप भी मात्र 2500 रुपए प्रति माह या 1000 रुपए प्रति माह से पंच उपयोग निधि कोष योजना के साथ जुड़कर अर्हं जीव दया भारत की नींव को मजबूती दे सकते है। 

अर्हं जीव दया भारत की निम्नलिखित मुख्य योजनाएं हैं :

1. गौ ग्रास निधि कोष

2. गौ औषधि निधि कोष

3. बेटा बेटी शिक्षा निधि कोष (केवल प्रतिभास्थली और गुरुकुल के लिए)

4. बेटा बेटी चिकित्सा निधि कोष (केवल 18 वर्ष तक की उम्र के गंभीर बीमारी से ग्रसित बच्चों के लिए)

5. ब्रह्मचारी व्रती भैया दीदी निधि कोष

आप 2500 रुपए प्रति माह या 1000 रुपए प्रति माह के सहयोग से  पंच उपयोग निधि कोष के साथ जुड़कर उपरोक्त पांचों प्रकार के दान का पुण्य अर्जित कर सकते है।

 इसके अतिरिक्त अर्हं जीव दया भारत द्वारा राशन पानी निधि कोष योजना से आर्थिक रूप से असमर्थ और कठिन परिस्थिति का सामना कर रहे परिवार के लिए राशन का सहयोग होता है। अर्हं जीव दया भारतके सहयोग से विद्यांजलि द्वारा साधर्मी परिवार के पास अपना आहार किट भेजा जाता है जिसमे राशन की लगभग 21 वस्तुएं शामिल होती है।

अर्हं जीव दया भारत द्वारा यह जीव दया की एक ऐसी मुहिम शुरू की गई है जिसके साथ समाज का प्रत्येक जैन परिवार जुड़ता है तो निश्चित रूप से एक संस्कारित और मजबूत जैन समाज का निर्माण होगा। 

बंधुओ, जो साधर्मी आज किसी भी कठिन परिस्थिति में है, उसे समाज के सहयोग की अत्यंत आवश्यकता है। समाज के सहयोग के अभाव में सिकुड़ती जैन समाज निरंतर सिकुड़ती जा रही है।

 


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