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गुरू चरणों में कोटि कोटि नमन वंदन एवं खूब खूब अनुमोदना
॥ श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथाय नमः ॥
॥ श्रीमद् विजयानंद सूरीश्वर सद्गुरुभ्यो नमः ॥
◆ परम पूज्य गुरू आत्म के कालधर्म के 127 वर्षो के पश्चात उन्हीं के समुदाय के वर्तमान पट्टधर प. पू. गच्छाधिपति आचार्य श्री धर्मधुरंधर सूरीश्वर जी महाराज साहेब भारत वर्ष के विभाजन के 75 वर्षो पश्चात नये बने देश पाकिस्तान स्थित श्री गुरू आत्म समाधि धाम गुजरांवाला पाकिस्तान पर जाकर दर्शन वंदन कर और समाधि मंदिर के जीर्णोद्वार के कार्य को प्रेरित करने के सराहनीय कार्य कर जिनशासन की शासन प्रभावना की है ◆
◆ हमारे श्रीसंघ को गर्व है की भारत-पाकिस्तान के विभाजन के पश्चात परमोपकारी गुरूदेव आचार्य श्रीमद् विजयानंद सूरि जी का भारत में सर्वप्रथम समाधि धाम का प्रतिरूप बनाने का सौभाग्य नवीन शाहदरा दिल्ली को मिला। जिसका शिलान्यास आपश्री के करकमलों से सन् 1996 में हुआ था ◆
◆ श्री आत्मानंद जैन सभा शाहदरा और श्री विजयानंद सूरि जैन समाधि मंदिर व सेवा ट्रस्ट शाहदरा व समस्त श्रीसंघ पूज्य गुरूदेव के भारत पदार्पण पर गुरू चरणों में कोटि कोटि वंदन नमन और उनकी खूब खूब अनुमोदना करता है ◆