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समाचार

Ravi Kumar Jain

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Garbh Kalyanak Mahotsav

धन्य हुई कुण्डलपुर  नगरी मनाया गया 2620वां गर्भ कल्याणक उत्सव...

कुण्डलपुर (नालन्दा/बिहार) :- जैन धर्म के चौबीसवें एवं अंतिम शासन नायक ‘अहिंसा परमो धर्म:’, ‘जीओ और जीने दो’ का संदेश देने वाले, राग-द्वैष विजेता, 8 कर्मों को क्षय करके केवल ज्ञान प्राप्त करने वाले कलिकाल सर्वज्ञ वीतराग वर्द्धमान भगवान महावीर स्वामी का 2620वां गर्भ कल्याणक महोत्सव दिनांक - 05/07/2022 (मंगलवार) को पूरे भक्तिमय वातावरण में श्री कुण्डलपुर जी दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र 'प्राचीन मंदिर' कुण्डलपुर (नालन्दा) बिहार में आयोजित किया गया। जय महावीर के जयघोष से कुण्डलपुर नगरी गुंजायमान हुआ। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए प्रबंधक जगदीश जैन ने बताया कि आषाढ़ शुक्ल षष्ठी के दिन ही भगवान महावीर कुंडलपुर के महाराज सिद्धार्थ की महारानी त्रिशला के गर्भ में आये थे। उनके आने के छह महीने पूर्व से ही कुबेर ने नगर में रत्नों की वर्षा शुरू कर दी थी। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर के बताये उपदेशों पर चलकर ही विश्व में शांति कायम की जा सकती है। अहिंसा, मैत्री तथा करुणा वात्सल्य से ही समाज का कल्याण संभव है। वर्तमान समय के अनुसार देखा जाए तो भगवान महावीर की ये पाँच शिक्षाएं अत्यन्त प्रभावशाली और प्रासंगिक हैं। अगर प्रत्येक व्यक्ति अहिंसा, सत्य, अस्तेय, अपरिग्रह और ब्रह्मचर्य के सिद्धांतों को अपने जीवन में अपना ले, "जीओ और जीने दो" का सिद्धान्त व्यावहारिक रूप में स्वीकार कर ले तो कहीं भी कोई समस्या नहीं रहेगी। बस आवश्यकता इस बात की है कि हम धर्म को धर्म ग्रन्थों से बाहर निकाल कर अपने व्यवहार में लाएं।

चाँदी के पाण्डुकशिला पर विराजमान कर किया गया जलाभिषेक...

भगवान महावीर स्वामी गर्भ कल्याणक के पावन अवसर पर समस्त मांगलिक कार्यक्रम प्राचीन मंदिर में स्थित गर्भगृह मन्दिर में आयोजत हुई। सर्वप्रथम प्रातः सभी भक्तजनों ने पारंपरिक वस्त्र पहनकर मूलनायक वर्द्धमान भगवान की प्रतिमा का जलाभिषेक, शांतिधारा किया किया। तत्पश्चात सभी गर्भगृह मन्दिर पहुँचे। भूतल में स्थित गर्भगृह मन्दिर में पालने में विराजमान वर्द्धमान प्रभु की प्रतिमा को चाँदी के पाण्डुकशिला पर विराजमान कर सभी भक्तजनों द्वारा जलाभिषेक एवं शांतिधारा किया गया। शांतिधारा का सौभाग्य प्रमोद जैन (दिल्ली), पंकज छाबड़ा (दुर्ग), कुलभूषण जैन (मुम्बई), ऋचा जैन (अमेरिका), सौ. बनारसी बाई (नांदेड़), आशा बाई (नांदेड़), सुनील पिम्पल (मुम्बई), पीयूष सौगानी (इंदौर), सौगातमल जैन (जयपुर), राजाराम खड़के (पंडरपुर) को प्राप्त हुआ।

21 फुट ऊँची भव्य पद्मासन प्रतिमा का हुआ मस्तकाभिषेक...

भगवान महावीर स्वामी की नवप्रतिष्ठित 21 फुट ऊँची भव्य जिनप्रतिमा का गर्भ कल्याणक के अवसर पर सभी भक्तों ने प्रभु का मस्तकाभिषेक किया।

गर्भ कल्याणक की संध्या हुई भव्य महाआरती...

गर्भ कल्याणक की संध्या भूतल में स्थित गर्भगृह मन्दिर में संध्या भव्य महाआरती का आयोजन किया गया। इस मौके पर जगदीश जैन, संजीत जैन, राकेश जैन, रवि कुमार जैन, मौसमी जैन, इंदौर से पधारें जैन धर्मावलंबी उपस्थित हुये।

रवि कुमार जैन/ राजगीर

धन्य हुई कुण्डलपुर  नगरी मनाया गया 2620वां गर्भ कल्याणक उत्सव...

कुण्डलपुर (नालन्दा/बिहार) :- जैन धर्म के चौबीसवें एवं अंतिम शासन नायक ‘अहिंसा परमो धर्म:’, ‘जीओ और जीने दो’ का संदेश देने वाले, राग-द्वैष विजेता, 8 कर्मों को क्षय करके केवल ज्ञान प्राप्त करने वाले कलिकाल सर्वज्ञ वीतराग वर्द्धमान भगवान महावीर स्वामी का 2620वां गर्भ कल्याणक महोत्सव दिनांक - 05/07/2022 (मंगलवार) को पूरे भक्तिमय वातावरण में श्री कुण्डलपुर जी दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र 'प्राचीन मंदिर' कुण्डलपुर (नालन्दा) बिहार में आयोजित किया गया। जय महावीर के जयघोष से कुण्डलपुर नगरी गुंजायमान हुआ। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए प्रबंधक जगदीश जैन ने बताया कि आषाढ़ शुक्ल षष्ठी के दिन ही भगवान महावीर कुंडलपुर के महाराज सिद्धार्थ की महारानी त्रिशला के गर्भ में आये थे। उनके आने के छह महीने पूर्व से ही कुबेर ने नगर में रत्नों की वर्षा शुरू कर दी थी। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर के बताये उपदेशों पर चलकर ही विश्व में शांति कायम की जा सकती है। अहिंसा, मैत्री तथा करुणा वात्सल्य से ही समाज का कल्याण संभव है। वर्तमान समय के अनुसार देखा जाए तो भगवान महावीर की ये पाँच शिक्षाएं अत्यन्त प्रभावशाली और प्रासंगिक हैं। अगर प्रत्येक व्यक्ति अहिंसा, सत्य, अस्तेय, अपरिग्रह और ब्रह्मचर्य के सिद्धांतों को अपने जीवन में अपना ले, "जीओ और जीने दो" का सिद्धान्त व्यावहारिक रूप में स्वीकार कर ले तो कहीं भी कोई समस्या नहीं रहेगी। बस आवश्यकता इस बात की है कि हम धर्म को धर्म ग्रन्थों से बाहर निकाल कर अपने व्यवहार में लाएं।

चाँदी के पाण्डुकशिला पर विराजमान कर किया गया जलाभिषेक...

भगवान महावीर स्वामी गर्भ कल्याणक के पावन अवसर पर समस्त मांगलिक कार्यक्रम प्राचीन मंदिर में स्थित गर्भगृह मन्दिर में आयोजत हुई। सर्वप्रथम प्रातः सभी भक्तजनों ने पारंपरिक वस्त्र पहनकर मूलनायक वर्द्धमान भगवान की प्रतिमा का जलाभिषेक, शांतिधारा किया किया। तत्पश्चात सभी गर्भगृह मन्दिर पहुँचे। भूतल में स्थित गर्भगृह मन्दिर में पालने में विराजमान वर्द्धमान प्रभु की प्रतिमा को चाँदी के पाण्डुकशिला पर विराजमान कर सभी भक्तजनों द्वारा जलाभिषेक एवं शांतिधारा किया गया। शांतिधारा का सौभाग्य प्रमोद जैन (दिल्ली), पंकज छाबड़ा (दुर्ग), कुलभूषण जैन (मुम्बई), ऋचा जैन (अमेरिका), सौ. बनारसी बाई (नांदेड़), आशा बाई (नांदेड़), सुनील पिम्पल (मुम्बई), पीयूष सौगानी (इंदौर), सौगातमल जैन (जयपुर), राजाराम खड़के (पंडरपुर) को प्राप्त हुआ।

21 फुट ऊँची भव्य पद्मासन प्रतिमा का हुआ मस्तकाभिषेक...

भगवान महावीर स्वामी की नवप्रतिष्ठित 21 फुट ऊँची भव्य जिनप्रतिमा का गर्भ कल्याणक के अवसर पर सभी भक्तों ने प्रभु का मस्तकाभिषेक किया।

गर्भ कल्याणक की संध्या हुई भव्य महाआरती...

गर्भ कल्याणक की संध्या भूतल में स्थित गर्भगृह मन्दिर में संध्या भव्य महाआरती का आयोजन किया गया। इस मौके पर जगदीश जैन, संजीत जैन, राकेश जैन, रवि कुमार जैन, मौसमी जैन, इंदौर से पधारें जैन धर्मावलंबी उपस्थित हुये।

रवि कुमार जैन/ राजगीर


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