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एक ऐसाअतिशय क्षेत्र जहां एक बार पंच कल्याणक हेतु श्री सुपार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमा जी को दो आदमी बैलगाड़ी में रखकर लाये थे, परन्तु पंच कल्याणक के बाद प्रतिमा जी को जब समीपवर्ती रामटेक में विराजित करने के लिये ले जाने का समय आया तो दस आदमी भी उसे उठा नहीं सके और प्रतिमा जी बिल्कुल भी टस से मस नहीं हुई, अंत मे प्रतिमा जी यहाँ ही विराजित की गई, जब से लगातार अतिशय होते रहते हैं।
मध्यरात्रि के उपरान्त इस प्रतिमा का अतिशय, मंदिर की घंटियों के साथ, घुंघरों एवं गंधर्वगान जैसे स्वर सुनाई देते हैं। ऐसे अतिशयकारी के परिभ्रमण करने से जहाँ एक ओर धार्मिक आस्था निर्मित होती है वहीं दूसरी और प्राकृति करमणीय दृश्यों को देखकर मन पुलकित हो उठता है।
एक अति प्राचीन अतिशय क्षेत्र पर जो नागपुर अमरावती रोड़ पर स्थित है,,, श्री १००८ आदिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र बाजार गांव जो कि नागपुर से 35 किलोमीटर दूर स्थित है।
यह क्षेत्र जहाँ 6 शिखरयुक्त में 9 वेदियाँ विराजमान है। कहते हैं यह १००० वर्ष पुराना जैन मंदिर हैं जहाँ पूर्व में कई जैन परिवार रहा करते थे।
आज यहाँ पर एक भी जैन परिवार नहीं रहता है, यहाँ कार्यरत मंदिर के मैनेजर एवं पुजारी ही परिवार सहित रहकर इस क्षेत्र की देख रेख कर रहे हैं। जिसकी प्रबंध व्यवस्था श्री दिगम्बर जैन भगवान महावीर इतवारी के अंतर्गत हैं।
श्री १०८ सुपार्श्वनाथ भगवान की सातिशय चमत्कारी मूर्ति होने से यह अतिशय क्षेत्र भी है।
यहाँ से १३ कि.मी. दूर हाईवे पर व्याहाड गांव है जो कि १४ मील के नाम से भी प्रसिद्ध हैं। यहां मल्लिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर हैं।
रामटेक, पारशिवनी, कामठी, नागपुर के जैन मंदिरों के दर्शन लाभ प्राप्त किये जा सकते हैं।
ठहरने के लिये धर्मशाला है, तथा पूर्व सूचना पर भोजन व्यवस्था हो जाती है।
fmd_good बाजार गांव, अमरावती रोड, Nashik, Maharashtra, 422001
account_balance फोटो Temple